खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 16.35 फीसदी
दाल, दूध, जौ और कुछ और चीजों के मंहगा होने से खाद्य वस्तुओं के थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति 20 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान बढ़कर 16.35 फीसदी हो गई। इससे पहले 13 मार्च को समाप्त सप्ताह...
दाल, दूध, जौ और कुछ और चीजों के मंहगा होने से खाद्य वस्तुओं के थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति 20 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान बढ़कर 16.35 फीसदी हो गई। इससे पहले 13 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान मुद्रास्फीति 16.22 फीसदी थी, जो चार माह का न्यूनतम स्तर था।
आलोच्य सप्ताह में दालों का भाव एक वर्ष पूर्व की तुलना में करीब 31.55 फीसदी और दूध करीब 18.74 फीसदी ऊंचा रहा। इस दौरान साप्ताहिक आधार पर खाद्य पदार्थों का सूचकांक 0.6 फीसदी बढ़ गया। सप्ताह के दौरान जौ और दूध की कीमत तीन-तीन फीसदी बढ़ी, जबकि मूंग, अचार और मसालों की कीमत दो-दो फीसदी बढ़ी। उड़द और अरहर एक-एक फीसदी मंहगे हुए।
सभी वस्तुओं के थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित सामान्य मुद्रास्फीति लगातार बढ़ रही है। फरवरी में यह बढ़कर 9.89 फीसदी हो गई, जबकि जनवरी 8.56 फीसदी थी। सामान्य मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी का मुख्य कारण खास तौर पर उच्च खाद्य मुद्रास्फीति और बजट में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद एवं सीमा शुल्क में बढ़ोतरी है। बजट प्रस्तावों के कारण इन पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि ढ़ाई से पौने तीन रूपए लीटर तक हुई है।