मौका मिला तो पाकिस्तान में भी योग सिखाऊंगा: रामदेव
योग गुरु बाबा रामदेव दुनिया भर में योग का परचम लहराना चाहते हैं। बाबा रामदेव के मुताबिक पाकिस्तान में भी लोग योग सीखने की इच्छा जता चुके हैं और अगर मौका मिला तो वह पाकिस्तान में योग और प्रणायाम...
योग गुरु बाबा रामदेव दुनिया भर में योग का परचम लहराना चाहते हैं। बाबा रामदेव के मुताबिक पाकिस्तान में भी लोग योग सीखने की इच्छा जता चुके हैं और अगर मौका मिला तो वह पाकिस्तान में योग और प्रणायाम सिखाने जरूर जाएंगें।
क्या एक और पड़ोसी देश पाकिस्तान नहीं जाना चाहेंगे, इस पर योगगुरु ने कहा कि बिल्कुल जाना चाहूंगा। वहां के कई लोग योग सिखने की इच्छा जता चुके हैं। लेकिन वहां जब तक स्थिति अनुकूल नहीं होती, जाना मुश्किल होगा क्योंकि जो लोग योग सीखने आएंगे, उनकी हिफाजत मेरी जिम्मेदारी होगी।
योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि उन्होंने भारत में व्यवस्था परिवर्तन लाने के उद्देश्य से वर्ष 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारत स्वाभिमान के बैनर तले ईमानदार और राष्ट्रवादी उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है और फिलहाल कुछ राजनीतिक दल उनके करीब हैं और कुछ को वक्त करीब ला देगा।
अगले लोकसभा चुनाव में सभी 543 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने, लेकिन खुद चुनाव नहीं लड़ने के संबंध में पिछले दिनों नई दिल्ली में घोषणा कर चुके स्वामी रामदेव ने कहा कि हम ऐसे उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारेंगे जो ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और राष्ट्रवाद की भावना से भरे हों। जिसका चरित्र भ्रष्ट है, हम उसे टिकट नहीं देंगे।
अचानक राजनीतिक दल बनाने और चुनाव लड़ने का विचार कैसे आया, इस पर उन्होंने कहा कि यह अचानक नहीं हुआ है। हम लंबे समय से व्यवस्था परिवर्तन चाह रहे हैं। भारत में राजनीति गिरावट की सारी हदें पार कर चुकी है। राजनीति कतार में अंतिम खड़े व्यक्ति तक शिक्षा और आर्थिक विकास का लाभ पहुंचाने में नाकाम रही है। लोकतंत्र को लूटतंत्र बना दिया गया है। लोग कहते हैं कि राजनीति में ईमानदार के लिए जगह नहीं है। मैं इस बात को पलट देना चाहता हूं।
यह पूछने पर कि क्या वह किसी दल से चुनाव पूर्व या बाद में गठबंधन करेंगे, उन्होंने कहा इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन कुछ (राजनीतिक दल) अभी हमारे करीब हैं, कुछ को वक्त करीब ला देगा।
चुनावी राजनीति में अब गठबंधन एक मजबूरी बन जाने के बारे में स्वामी रामदेव ने कहा कि गठबंधन एकदम जुगाड़बाजी है। अब तक ऐसा होता आया है क्योंकि विकल्प नहीं हैं। हम अब विकल्प देंगे।
क्या यह नहीं लगता कि सरकार के सख्त कदम उठाए बिना शीतल पेय पदार्थों को लेकर जारी जंग कामयाब नहीं हो पाएगी, इस पर योग गुरु ने कहा कि इस मामले में कुछ को छोड़कर ज्यादातर नेता बहुराष्ट्रीय कंपनियों के एजेंट या किसी दूसरे देश के प्रतिनिधि के तौर पर काम कर रहे हैं। फिर भी हमें उम्मीद है कि हम जन जागरूकता के जरिए यह जंग जीत लेंगे।
यह पूछने पर कि पहले योग और फिर राजनीति के बाद अब कौन सी मंजिल सामने है, स्वामी रामदेव ने कहा कि योग मेरे लिए एक मिशन है। योग के जरिए ही मैं चेतना लाना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि लोग व्यक्तिवादी होने के बजाय राष्ट्रवादी, विकासवादी और अध्यात्मवादी बनें।
नेपाल के बाद अब किन देशों में योगनीति शुरु करने का विचार है, इस पर उन्होंने कहा कि मैं म्यामां, श्रीलंका और चीन में लोगों को योग सिखाना चाहता हूं और वहां के बौद्ध धर्म के अध्यात्म से योग को जोड़ना चाहता हूं।