फंसे मजदूरों की मदद करेगी बिहार सरकार
बिहार सरकार अब अपनी रोजी-रोटी के लिए घर छोड़कर अन्य राज्यों में मजदूरी करने वाले मजदूरों के साथ किसी प्रकार की ज्यादती नहीं होने देगी। प्रवासी मजदूरों पर आने वाली किसी भी आपदा के समय सरकार उनके सामने...
बिहार सरकार अब अपनी रोजी-रोटी के लिए घर छोड़कर अन्य राज्यों में मजदूरी करने वाले मजदूरों के साथ किसी प्रकार की ज्यादती नहीं होने देगी। प्रवासी मजदूरों पर आने वाली किसी भी आपदा के समय सरकार उनके सामने ढाल की तरह खड़ी रहेगी। सरकार ने व्यवस्था की है कि यदि अन्य राज्यों में उनके प्रवासी मजदूर किसी भी प्रकार की आपदा में फंसते हैं तो सरकार उन्हें मुक्त कराकर अपने खर्च पर अधिकारियों के संरक्षण में घर तक वापस पहुंचायेगी। बंधुवा मजदूर के रूप में जबरिया रोकने या बाहरी मजदूरों के साथ मुंबई जसी त्रासदी होने जसे मौके पर सरकार अपनों की हर संभव मदद करगी। भारतीय श्रम सम्मेलन के 42 वें सत्र में विहार सरकार के श्रम संसाधन पर अपना अभिभाषण प्रस्तुत करते हुए श्रम संसाधन मंत्री अवधेश नारायण सिंह ने बताया कि विहार से देशभर में सबसे ज्यादा मजदूर काम करते है पर उनका कई स्थानों पर शोषण होता है। किसी प्रवासी मजदूर के दुर्घटना में मौत होने पर उसके परिवार को एक लाख रुपये की राहत दी जाती है। 2008-0में 37 परिवारों को यह यह राहत राशि दी गई। सरकार गरीवी रखा से नीचे जीने वाले अशिक्षित युवाओं के लिए ‘ग्रामीण इंजीनियर’ कार्यक्रम की योजना है इसकी परियोजना रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी गई है। योजना में इन गरीवों को तकनीकी प्रशिक्षण दे कर स्वरोजगार के काबिल बनाया जायेगा। उन्होंेने कहा कि सरकार, बिहार को कुशल श्रमिक पैदा करने वाले हब के रूप में तैयार करना चाहता है।