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थार में तेल ही तेल,बाड़मेर में केयर्न का भंडार बढा़

केयर्न इंडिया ने मंगलवार को कहा कि राजस्थान के थार मरुस्थल में अपेक्षा से कहीं अधिक तेल है और वह प्रदेश में अपने ब्लॉक से अब पूर्व अनुमान से 37 प्रतिशत अधिक तेल उत्पादित कर सकती है। केयर्न के इस कदम...

थार में तेल ही तेल,बाड़मेर में केयर्न का भंडार बढा़
एजेंसीTue, 23 Mar 2010 07:17 PM
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केयर्न इंडिया ने मंगलवार को कहा कि राजस्थान के थार मरुस्थल में अपेक्षा से कहीं अधिक तेल है और वह प्रदेश में अपने ब्लॉक से अब पूर्व अनुमान से 37 प्रतिशत अधिक तेल उत्पादित कर सकती है। केयर्न के इस कदम से तेल के मामले में देश की आयात पर निर्भरता कम होने की उम्मीदें बढी़ हैं।

कंपनी को राजस्थान में अपने क्षेत्र से अब 2,40,000 बैरल प्रतिदिन उत्पादन का अनुमान है। उत्पादन के लिहाज से यह मात्रा ओएनजीसी के मुंबई हाई फील्ड के बराबर है जो देश का सबसे बड़ा तेल क्षेत्र है।

केयर्न इंडिया के सीईओ राहुल धीर ने कहा कि कंपनी ने बाड़मेर में अपने तेल एवं गैस भंडार का अनुमान बढा़कर चार अरब बैरल तेल कर दिया है जो पहले 3.7 अरब बैरल था। इसके अलावा 2.5 अरब बैरल अतिरिक्त तेल की खोज अभी की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि हमारे अनुमान के अनुसार क्षेत्रों में 2,40,000 बैरल तेल प्रति दिन उत्पादन की क्षमता है। कंपनी ने इससे पहले अधिकतम उत्पादन 1,75,000 बैरल प्रतिदिन रहने का अनुमान लगाया था।

पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने इस उपलब्धि के लिए केयर्न को बधाई दी है और कहा है कि भंडार में बढो़तरी देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि केयर्न का उत्पादन बढ़ने से कच्चे तेल के आयात पर देश की निर्भरता कम होगी। भारत अपनी कच्चे तेल की आवश्यकता के 75 प्रतिशत हिस्से की पूर्ति आयात से करता है।

ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी कंपनी की इकाई केयर्न इंडिया ने राजस्थान में मंगला तेल क्षेत्र की खोज दिसंबर 2004 में की। मंगला भारत में सबसे बड़ा स्थलीय तेल क्षेत्र है। यहां पहले उच्चतम 1,25,000 बैरल दैनिक उत्पादन का अनुमान था जिसे बढा़कर 1,50,000 बैरल कर दिया गया है।

कंपनी ने खनिज तेल भंडार का आकलन नई तकनीकों से किया है। नए आकलन को स्वतंत्र तरीकों से भी जांचा गया है। कंपनी का कहना है कि नए आकलनों के आधार पर वहां दैनिक 2,40,000 बैरल कच्चा तेल निकाला जा सकता है। इसके लिए कंपनी को सरकार से निवेश बढा़ने की मंजूरी लेनी होगी।

धीर ने कहा कि मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल में दूसरा व तीसरा ट्रेंस का निर्माण 2010 की दूसरी तिमाही में पूरा हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि ट्रेंस में कच्चे तेल को अन्य उत्पादों से अलग किया जाता है।

इसी तरह मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल से साल्या तक की पाइपलाइन जून 2010 तक शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कंपनी ने चार रिफाइनरियों: एमआरपीएल, आईओसी, रिलायंस तथा एस्सार के साथ 1,43,000 बैरल प्रति दिन तेल के ब्रिकी समझौते किए हैं।

उन्होंने कहा कि वह 2010 की दूसरी छमाही से राजस्थान में उत्पादन बढ़ाकर 1,25,000 बैरल प्रतिदिन करने की प्रक्रिया में है।

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