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सचिन-सौरभ के समां से थमा दिल्ली का विजय रथ

सचिन तेंदुलकर ने पहले ओवर से ही जो समां बांधा उसे मुंबई इंडियन्स ने आखिर तक कायम रखकर बुधवार को इंडियन प्रीमियर लीग में 98 रन की धमाकेदार जीत के साथ दिल्ली डेयरडेविल्स का विजय अभियान रोक...

सचिन-सौरभ के समां से थमा दिल्ली का विजय रथ
एजेंसीWed, 17 Mar 2010 11:20 PM
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सचिन तेंदुलकर ने पहले ओवर से ही जो समां बांधा उसे मुंबई इंडियन्स ने आखिर तक कायम रखकर बुधवार को इंडियन प्रीमियर लीग में 98 रन की धमाकेदार जीत के साथ दिल्ली डेयरडेविल्स का विजय अभियान रोक दिया।

तेंदुलकर ने यहां वही आक्रामकता दिखाई जो जिसके दम पर वह पिछले महीने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले बल्लेबाज बने थे। उन्होंने 32 गेंद पर 11 चौकों की मदद से 63 रन ठोके जिसके बाद मुंबई की पिछली जीत में अहम भूमिका निभाने वाले तिवारी (37 गेंद पर 61 रन) और अंबाती रायुडु (21 गेंद पर 34 रन) ने जिम्मा संभाला और टीम को सात विकेट पर 218 के विशाल स्कोर तक पहुंचाया जो आईपीएल थ्री का सबसे बड़ा स्कोर भी है।

डेयरडेविल्स के कप्तान गौतम गंभीर की मांसपेशियों में क्षेत्ररक्षण के दौरान शुरू में ही खिंचाव आ गया और वह बल्लेबाजी के लिए नहीं आए। टीम को फार्म में चल रहे बायें हाथ के इस बल्लेबाज की बड़ी कमी खली जो इसे वीरू बनाम सचिन मुकाबला कहा जा रहा था लेकिन वीरेंद्र सहवाग (26) का धमाल अधिक देर नहीं चला और डेयरडेविल्स की पूरी टीम 16.3 ओवर में 120 रन पर सिमट गई। उसकी तरफ से फारवेज महरूफ ने सर्वाधिक 28 रन बनाए।

मुंबई की यह दो मैच में दूसरी जीत है और जबकि अपने पहले दोनों मैच जीतने वाली डेयरडेविल्स ने आईपीएल में पहली हार का स्वाद चखा। वह भी उसे अपने घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला पर मिली जो पिछले कुछ समय से खराब पिच के कारण बदनाम रहा।

तेंदुलकर की अगुवाई में मुंबई के बल्लेबाजों ने तो दिखा दिया कि कोटला की पिच में कोई ऐब नहीं है लेकिन दिल्ली के बल्लेबाज यहां अभ्यास मैचों में मिले अनुभव का फायदा उठाने में नाकाम रहे। गंभीर की अनुपस्थिति में तिलकरत्ने दिलशान (17) पारी का आगाज करने के लिए उतरे। उन्होंने शून्य का ग्रहण तो मिटाया लेकिन उन्हीं के हमवतन लेसिथ मालिंगा ने उनका विकेट उखाड़कर बल्लेबाजों को पवेलियन भेजने का जो क्रम शुरू किया वह बड़े लक्ष्य के दबाव में किसी भी समय नहीं थमा।

ड्वेन ब्रावो ने एक ओवर में सहवाग और एबी डिविलियर्स को आउट करके अपनी टीम की जीत की सुनिश्चित कर दी थी। मुंबई की तरफ से इस कैरेबियाई गेंदबाज के अलावा हरभजन सिंह और सनथ जयसूर्या ने भी दो-दो विकेट लिए। डेयरडेविल्स के लिए केवल हरभजन का एक ओवर अच्छा रहा जिसमें महरूफ ने दो छक्के और एक चौका लगाकर 18 रन बनाए। इसके अलावा बाकी अवसरों पर उसके बल्लेबाज जूझते ही रहे।

इससे पहले मुंबई के बल्लेबाजों की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी आकर्षण का केंद्र रही। तेंदुलकर ने नानेस पर चौका जड़कर अपना खाता खोला और फिर महरूफ पर लगातार दो चौके लगाकर डेयरडेविल्स के गेंदबाजों को अच्छी तरह से आगाह कर दिया। तेंदुलकर जब 36 रन पर थे तो अमित मिश्रा ने उनका कैच छोड़ा। इस स्टार बल्लेबाज ने तीन उपयोगी साझेदारियां निभायी। उन्होंने सलामी जोड़ीदार सनथ जयसूर्या (7) के साथ 38 और आदित्य तारे (17) के साथ 17 गेंद पर 36 रन की साझेदारी की। इसके बाद उन्होंने तिवारी के साथ 26 गेंद पर 48 रन जोड़कर बड़े स्कोर की नींव रखी। तेंदुलकर जब 11वें ओवर में अमित मिश्रा की गेंद छह रन के लिए पहुंचाने के प्रयास में स्थानापन्न क्षेत्ररक्षक योगेश नागर को कैच देकर पवेलियन लौटे तब उनकी टीम का स्कोर तीन विकेट पर 122 रन था।

गंभीर की जगह क्षेत्ररक्षण के लिए उतरे नागर ने इससे पहले महरूफ की गेंद पर जयसूर्या का एक हाथ से दर्शनीय कैच लपका था। इसके बाद तारे को प्रदीप सांगवान ने बोल्ड किया। तिवारी और रायुडु ने हालांकि दिल्ली के गेंदबाजों को राहत नहीं लेने दी और जमकर रन बटोरे। अपने राज्य के मशहूर क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की तरह आक्रामक तेवर रखने वाले तिवारी ने अपनी पारी में चार चौके और तीन छक्के जबकि हैदराबाद के कलात्मक बल्लेबाजों की श्रेणी के अगले उत्तराधिकारी माने जा रहे रायुडु ने एक चौका और तीन छक्के लगाए। डेयरडेविल्स की तरफ से महरूफ और सर्वजीत लाड्डा ने दो-दो विकेट लिए लेकिन इनके लिए उन्होंने क्रमश: 51 और 44 रन खर्च किए।

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