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केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले से हटेगा सांसद कोटा

अगर आप भी अपने बच्चे का केन्द्रीय विद्यालय में एडमिशन कराना चाहते हैं और उसके लिए अपने इलाके के सांसद के दफ्तर के चक्कर लगा-लगाकर थके जा रहे हैं तो एक बार ठहर जाइए। हो सकता है इस बार से आपके सांसद...

केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले से हटेगा सांसद कोटा
एजेंसीTue, 16 Mar 2010 01:04 PM
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अगर आप भी अपने बच्चे का केन्द्रीय विद्यालय में एडमिशन कराना चाहते हैं और उसके लिए अपने इलाके के सांसद के दफ्तर के चक्कर लगा-लगाकर थके जा रहे हैं तो एक बार ठहर जाइए। हो सकता है इस बार से आपके सांसद महोदय के हाथ में आपके बच्चे का एडमिशन केन्द्रीय विद्यालय में कराने की चाबी न रहे। ऐसे संकेत हैं कि केंद्रीय विद्यालय संगठन ने अपने यहां विद्यार्थियों के दाखिले की प्रक्रिया में विवेकाधीन कोटा प्रणाली समाप्त करने का निर्णय किया है।

सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन के संचालन मंडल की एक बैठक केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की अध्यक्षता में हुई। माना जाता है कि इसमें मंत्रियों और सांसदों को दिये जाने वाले विवेकाधीन कोटा को समाप्त करने का निर्णय किया है।

सिब्बल, केवीएस के संचालन मंडल के अध्यक्ष हैं और वह दाखिले की प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने के लिए कोटा प्रणाली को समाप्त करने का समर्थन कर रहे हैं।

कोटा प्रणाली के तहत अपने विवेकाधीन कोटे से मानव संसाधन विकास मंत्री 1200 सीटों पर दाखिले की सिफारिश कर सकते हैं। वहीं एक सांसद केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के लिए दो विद्यार्थियों के नामों की सिफारिश कर सकता है।

लोकसभा का एक सदस्य अपने संसदीय क्षेत्र से दो उम्मीदवारों के नाम की सिफारिश कर सकता है जबकि राज्यसभा का सदस्य भी दो विद्यार्थियों के नामों की सिफारिश कर सकता है। ये दो विद्यार्थी राज्य के किसी भी हिस्से से हो सकते हैं जिसका प्रतिनिधित्व वह राज्यसभा सदस्य करता हो।

देश भर में स्थित 981 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में करीब 10 लाख सीटें हैं। कहा जा रहा है कि बीते वर्ष सिब्बल मानव संसाधन विकास मंत्री बने थे तो दाखिले के संबंध लोगों के अनुरोधों की बाढ़ उनके समक्ष आ गयी थी।
इसके महीनों बाद सिब्बल ने यह निर्णय किया है। पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह ने अपने विवेकाधीन कोटे के तहत 1000 सीटों को समाप्त कर दिया था।

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