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जब भिड़ गए चिदंबरम व पाक उच्चायुक्त मलिक

गृहमंत्री पी चिदंबरम और पाकिस्तान के उच्चायुक्त शाहिद मलिक के बीच शुक्रवार को उस समय असामान्य रूप से कहासुनी हो गई, जब मंत्री ने यह कहा कि सीमा पार के सभी आतंकी संगठनों को आईएसआई से समर्थन मिलता...

जब भिड़ गए चिदंबरम व पाक उच्चायुक्त मलिक
एजेंसीFri, 12 Mar 2010 03:05 PM
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गृहमंत्री पी चिदंबरम और पाकिस्तान के उच्चायुक्त शाहिद मलिक के बीच शुक्रवार को उस समय असामान्य रूप से कहासुनी हो गई, जब मंत्री ने यह कहा कि सीमा पार के सभी आतंकी संगठनों को आईएसआई से समर्थन मिलता है।

पाक उच्चायुक्त ने इसे खारिज करते हुए कहा कि भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में पाक सरकार का कोई संगठन शामिल नहीं है। चिदंबरम ने इंडिया टुडे कान्क्लेव में अपनी शुरुआती टिप्पणी में पाकिस्तान का कोई जिक्र नहीं किया, लेकिन प्रश्नोत्तर सत्र में इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने पाकिस्तान की ओर से राज्य प्रायोजित आतंकवाद पर चिंता जताई।

उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और कुछ अन्य समूहों का नाम लेते हुए कहा कि यह किसी से छिपा नहीं है कि प्रत्येक आतंकी संगठन आईएसआई द्वारा समर्थित है। इस आरोप का जवाब देने के प्रयास में पाकिस्तानी दूत ने ब्लूचिस्तान में भारत की कथित संलिप्तता और अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास की गतिविधियों का मुद्दा उठाया।

पाकिस्तान आरोप लगा चुका है कि भारतीय दूतावास पाकिस्तान के लिए परेशानी पैदा कर रहा है, जिसका भारत द्वारा खंडन किया जा चुका है। शाहिद मलिक ने कहा कि कोई भी सरकारी संगठन भारत के हितों के खिलाफ गतिविधियों में शामिल नहीं है।

चिदंबरम ने कहा कि वह पाकिस्तानी दूत के साथ किसी सार्वजनिक बहस में नहीं पड़ना चाहते थे, क्योंकि वे अपनी सरकार का पक्ष रख रहे थे, लेकिन फिर भी उनके बयान को कसौटी पर परखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उन संदिग्धों की आवाज के नमूने सौंपने चाहिए जिनके नाम भारत द्वारा दी गई सूची में मौजूद हैं, ताकि उन्हें एक तटस्थ देश में बैठकर 26/11 के हमलों को संचालित कर रहे लोगों की आवाज से मिलाया जा सके जिससे पता लग सके कि वे सरकारी संगठन के तत्व थे या नहीं।

चिदंबरम से जब यह पूछा गया कि यदि 26/11 की तर्ज पर एक और हमला होता है तो भारत किस तरह जवाब देगा। चिदंबरम ने कहा कि यदि यह साबित हो जाता है हमले पाकिस्तानी धरती से उत्पन्न हुए तो तब हम तेजी से और निर्णायक जवाब देंगे। मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है, इसलिए दोनों परमाणु शक्तियों को जब संभव हो आवश्यक रूप से बात करनी चाहिए और साथ ही हमें सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि हम अपना व्यवहार नहीं बदल सकते। चिदंबरम ने यह भी कहा कि पाकिस्तान 1947 से ही काफी कठिन पड़ोसी रहा है।

चिदंबरम ने संकेत दिया कि विदेश सचिव निरूपमा राव और उनके पाकिस्तानी समकक्ष सलमान बशीर के बीच एक और दौर की बात हो सकती है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि यह इस महीने के अंत में हो सकती है। मलिक ने कहा कि यह राव थीं, जिन्होंने बातचीत के लिए पाकिस्तानी विदेश सचिव को फोन किया। हमें उम्मीद थी कि इसका कुछ सकारात्मक परिणाम निकलेगा और हमने अवसर का स्वागत किया।

भारत ने कहा कि आतंकवाद मुख्य मुद्दा होगा और पाकिस्तानी पक्ष ने कहा कि उसकी खुद की भी चिंताएं हैं और वह उन पर चर्चा करने की इच्छा रखता है । मलिक ने कहा कि हमने भारत से आतंकवाद पर बार-बार सूचना साझा करने के लिए कहा है ।

चिदंबरम ने जेहादी आतंकवाद शब्द पर आपत्ति व्यक्त की और कहा कि 26/11 हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद और लश्कर-ए-तैयबा तथा जमात-उद-दावा के नेता अपने आतंकी कृत्यों को सही ठहराने के लिए बार-बार जेहाद के बारे में बात करते रहे हैं।

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