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जर्मनी को जंग जीतने को इंग्लैंड से पाना होगा पार

पिछली दो बार की चैम्पियन जर्मन टीम पूल चरण में अपने अपराजेय अभियान के बाद बारहवें हाकी विश्व कप के पहले सेमीफाइनल में गुरुवार को इंग्लैंड से भिड़ेगी तो उसका इरादा विश्व हाकी पर अपनी बादशाहत पर एक बार...

जर्मनी को जंग जीतने को इंग्लैंड से पाना होगा पार
एजेंसीWed, 10 Mar 2010 05:07 PM
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पिछली दो बार की चैम्पियन जर्मन टीम पूल चरण में अपने अपराजेय अभियान के बाद बारहवें हाकी विश्व कप के पहले सेमीफाइनल में गुरुवार को इंग्लैंड से भिड़ेगी तो उसका इरादा विश्व हाकी पर अपनी बादशाहत पर एक बार और मुहर लगाने की दिशा में अगला कदम रखने का होगा।

पूल ए में 11 अंक के साथ शीर्ष पर रही जर्मन टीम ने पांच मैचों में से तीन जीते जबकि दो ड्रा खेले। वहीं पूल बी में दूसरे स्थान पर रहे इंग्लैंड ने चार मैच जीते और एक में उसे पराजय का सामना करना पड़ा। पहले ही मैच में आस्ट्रेलिया को हराकर अपने तेवरों की बानगी पेश करने वाली इंग्लैंड टीम ने स्पेन के खिलाफ एकमात्र पराजय का सामना किया है।

पिछले दो विश्व कप में जर्मनी ने आस्ट्रेलिया को हराकर खिताब पर कब्जा किया जबकि इंग्लैंड की टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची है। जर्मन कोच मार्कस वेस को हालांकि पूरा यकीन है कि उनकी युवा और अनुभवहीन टीम में लगातार तीसरी बार चैम्पियन बनने का माददा है।

वेस ने कहा कि यह अब तक की सबसे अनुभवहीन जर्मन टीम है लेकिन पूल चरण में जिस तरह मेरे खिलाड़ियों ने प्रदर्शन किया, मुझे पूरा विश्वास है कि हम फाइनल खेलेंगे। न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी लीग मैच में दूसरे हाफ में हमने एकाग्रता खोई लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ कोई कोताही नहीं बरतेंगे।

विश्व रैंकिंग में छठे नंबर पर काबिज इंग्लैंड को जर्मनी के मोंशेंग्लाबाख में खेले गए पिछले विश्व कप के पूल चरण में मेजबान के हाथों 2-1 से पराजय का सामना करना पड़ा था।

इस बार हालांकि छिपी रूस्तम साबित हुई इंग्लैंड ने पहले ही मैच में खिताब की सबसे प्रबल दावेदार आस्ट्रेलिया को 3-1 से हराकर सनसनी मचा दी थी। पूल बी में उसने दक्षिण अफ्रीका (6-4), पाकिस्तान (5-2), भारत (2-1) को हराया जबकि आखिरी लीग मैच में स्पेन से 2-0 से हार गया।

दूसरी ओर जर्मनी ने दक्षिण कोरिया से 2-2 से ड्रा से खेला और कनाडा पर 6-0 से जीत दर्ज की। इसके बाद अर्जेंटीना को 4-3 से मात दी और हालैंड से 2-2 से ड्रा खेला। आखिरी लीग मैच में उसने न्यूजीलैंड को 5-2 से हराकर पूल ए में पहला स्थान हासिल किया। इंग्लैंड के कोच जासन ली के अनुसार पहली बार सेमीफाइनल तक पहुंची उनकी टीम इस शानदार अभियान को पदक के साथ खत्म करना चाहती है।

पिछले विश्व कप में पांचवें स्थान पर रही टीम के कोच ने कहा कि हमने शुरूआत अच्छी की और अब अंत भी अच्छा करना चाहते हैं। जर्मनी बहुत बड़ी टीम है लेकिन हमने भी अपनी उपस्थिति पूरी शिददत से दर्ज कराई है और हमें यकीन है कि यह लय सेमीफाइनल में भी कायम रहेगी।

स्पेन से मिली हार के बारे में उन्होंने कहा कि सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद हमने उस मैच को शायद हलके में ले लिया, लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है। हमारे खिलाड़ियों को पता है कि कैसे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है।

जर्मनी के लिए चार गोल करने वाले 18 बरस के फ्लोरियन फुच ट्रंपकार्ड साबित हुए हैं जो टूर्नामेंट के सबसे युवा खिलाड़ी भी हैं। पिछले साल चैम्पियंस ट्राफी में पांच गोल करने वाले फुच ने फारवर्ड लाइन में जबर्दस्त जोश का संचार किया है। उनके अलावा 312 मैच खेल चुके अनुभवी मथियास विथाउस ने भी प्लेमेकर की भूमिका निभाई है।

जर्मनी ने 1994 के बाद से 30 विश्व कप मैचों में से सिर्फ तीन गंवाए हैं जबकि स्पेन के अलावा वह किसी टीम से नहीं हारा है।

दूसरी ओर, इंग्लैंड का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1986 में रहा जब उसने रजत पदक जीता। पिछले साल मेलबर्न में खेली गई एबीएन एम्रो चैम्पियंस ट्राफी में इंग्लैंड को जर्मनी के हाथों एक गोल से पराजय का सामना करना पड़ा था। इंग्लैंड की ताकत उसके सभी खिलाड़ियों का जबर्दस्त फार्म है।

कप्तान बेन हावेस के अनुसार, हमारे लिए हर मैच में लगभग अलग अलग खिलाड़ी ने गोल किये और मूव बनाए। यह अच्छी बात है कि अनुभवी और युवा खिलाड़ियों के बीच जबर्दस्त तालमेल है।

 

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