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मिश्रा की सफलता का श्रेय कोच कुंबले को, कहा 'मुश्किल वक्त में दिया साथ'

अपनी घूमती गेंदों से मेहमान न्यूजीलैंड टीम के बल्लेबाजों को नचाने वाले भारतीय स्टार लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने अपनी हालिया सफलता का श्रेय टीम के कोच पूर्व दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले को दिया।  ...

मिश्रा की सफलता का श्रेय कोच कुंबले को, कहा 'मुश्किल वक्त में दिया साथ'
एजेंसीSun, 30 Oct 2016 01:53 PM
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अपनी घूमती गेंदों से मेहमान न्यूजीलैंड टीम के बल्लेबाजों को नचाने वाले भारतीय स्टार लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने अपनी हालिया सफलता का श्रेय टीम के कोच पूर्व दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले को दिया।
            
मिश्रा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच मैचों की वनडे सीरीज में शानदार खेल दिखाते हुए 14.33 के प्रभावशाली औसत से सर्वाधिक 15 विकेट लिए। उन्हें इस जोरदार प्रदर्शन के लिए 'मैन ऑफ द सीरीज' का पुरस्कार भी मिला। मिश्रा के आखिरी मैच के पांच विकेट के प्रदर्शन के कारण ही भारत ने न्यूजीलैंड को 190 रन से रौंदकर पांच मैचों की सीरीज 3-2 से जीत ली।    
             
मिश्रा ने मैच के बाद कहा कि यह टीम के लिए बहुत अच्छा है, अगर मैं ऐसा प्रदर्शन करता हूं। मेरी इस सफलता के पीछे कोच कुंबले का हाथ है जिन्होंने मुश्किल समय में हमेशा मेरा समर्थन किया। कुंबले तकनीक के मामले में ज्यादा बातें नहीं करते बल्कि मानसिक तौर पर मदद करते हैं। मैं जब टेस्ट सीरीज के दौरान अंतिम एकादश का हिस्सा नहीं था, तब भी उन्होंने मेरा मनोबल बढ़ाया था।

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भारतीय स्पिनर ने कहा कि मैं और अनिल भाई हमेशा इस पर चर्चा करते थे कि किस तरह की फील्डिंग के साथ कैसी गेंदबाजी करनी चाहिए और गेंद का टप्पा कहां होना चाहिए। अनिल भाई भले ही गेंदबाज थे, लेकिन वह बल्लेबाजों की भी बहुत मदद करते हैं। कुंबले निचले क्रम के बल्लेबाजों को किस तरह बल्लेबाजी करनी चाहिए इसके बारे में भी समझाते हैं। स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की अनुपस्थिति में मिश्रा ने पांचों वनडे में खेला और शानदार प्रदर्शन से सीरीज के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी बने। 33 वर्षीय मिश्रा ने कहा कि करियर के इस चरण में मैं अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हूं। मैं विकेट निकालने में और टीम की जीत में योगदान दे पाने से बेहद उत्साहित हूं।
                       
टीम में अपने नियमित स्थान न बना पाने के सवाल पर मिश्रा ने कहा कि मैंने इस बारे में सोचना बंद कर दिया है जो मेरे हाथ में नहीं है। मैं अपनी फिटनेस, अपने खेल, अपनी बल्लेबाजी पर सुधार कर सकता हूं लेकिन यह निर्णय करना मेरे हाथ में कतई नहीं है कि मैं किस मैच में खेलूंगा, किसमें नहीं। मैंने खुद को इस तरह से ढाला है कि जब भी मुझे मौका मिले, मैं अपना शत प्रतिशत दे सकूं।

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अंतिम मैच में पांच विकेट लेने पर मिश्रा ने कहा कि मैंने अपने खेल में सुधार के लिए कड़ी मेहनत की है और मुझे खुशी है कि मुझे इसका सकारात्मक परिणाम मिला। अंतिम मैच में वाकई दबाव था लेकिन हमने जिस प्रकार का खेल दिखाया वह काबिलेतारीफ है। मुझे टीम के प्रदर्शन पर गर्व है। टीम ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी के साथ-साथ क्षेत्ररक्षण पर कड़ी मेहनत की है और इस सीरीज में इसकी झलक देखने को मिली है।
                   
अंतिम मैच में मेहमान टीम के अंतिम आठ विकेट मात्र 16 रन पर गिरने पर मिश्रा ने कहा कि मुझे इस पर कोई आश्चर्य नहीं है। हमें उम्मीद थी कि यदि हम एक-दो विकेट जल्दी लेने में कामयाब हो गए तो मेहमान बल्लेबाजों का र्पुंलदा बांधने में समय नहीं लगेगा। कप्तान धोनी ने गेंदबाजों से नैसर्गिक गेंदबाजी करने को तथा बाउंड्री पर अंकुश लगाने को कहा था। हमें खुशी है कि टीम अपनी योजना में सफल रही और टीम को यादगार जीत मिली।'

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