PMJDY: Zero बैंलेंस खातों से बैंक परेशान, खुद डाल रहे हैं पैसा
प्रधानमंत्री जन धन योजना में खुले जीरो बैंक बैलेंस खातों से बैंकों को परेशानी होने लगी है। बैंक ऐसे खातों को कम करने के लिए खुद ही उसमें पैसा डाल रहे हैं। यह रकम एक रुपये से लेकर 10 रुपये के बीच है।...
प्रधानमंत्री जन धन योजना में खुले जीरो बैंक बैलेंस खातों से बैंकों को परेशानी होने लगी है। बैंक ऐसे खातों को कम करने के लिए खुद ही उसमें पैसा डाल रहे हैं। यह रकम एक रुपये से लेकर 10 रुपये के बीच है। एक अंग्रेजी अखबार ने इस बात का खुलासा किया है। बैंक ब्रांच के मेंटीनेंस अकाउंट में पढ़े फंड का इस्तेमाल ऐसे खातों में पैसा डालने के लिए कर रहे हैं। 31 अगस्त, 2016 तक जनधन खातों में कुल 42094 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं।
आरटीआई से मिली यह अहम जानकारी
आरटीआई से जो जानकारी मिली है इसके अनुसार बैंक, इन खातों को एक्टिव रखने के लिए ऐसा कर रहे हैं। देश भर में करीब 1.05 करोड़ खाते ऐसे हैं जिनमें एक रुपया जमा किया गया है। ये खाते 18 सरकारी बैंकों के 16 रीजनल ऑफिस से लिंक हैं। बैंक कर्मचारी इसके लिए मिले यात्रा एवं मनोरंजन भत्ता, कैंटीन सब्सिडी, ऑफिस रखरखाव, डिमांड ड्राफ्ट और ऑनलाइन ट्रांसफर से मिलने वाली फीस का इस्तेमाल पैसा डालने के लिए कर रहे हैं। एक रुपये बैलेंस वाले खातों में सबसे ऊपर पंजाब नेशनल बैंक है। पीएनबी में 1.36 करोड़ जनधन खाते हैं, जिनमें से 39.57 का बैलेंस एक रुपया है।
2,5,10 रुपये भी हुए हैं जमा
खुलासे में पता चला कि कुछ खाते ऐसे भी हैं जिनमें 2,5 या 10 रुपये डिपॉजिट किए गए हैं। मजे कि बात यह है कि ये अमाउंट खाताधारकों ने कभी जमा ही नहीं किया है। 20 बैंकों के ब्रांच मैनेजरों ने ये स्वीकार किया है कि उन पर जनधन योजना के तहत खुले जीरो बैलेंस खातों का आंकड़ा कम करने का दबाव है।
जीरो बैलेंस अकाउंट्स में आई काफी कमी
बैंकों के ऐसा करने से जीरो बैलेंस अकाउंट्स में तेजी से कमी आई है। सितंबर 2014 में ऐसे खातों की 76 फीसदी थी, जो अगस्त 2015 में सिर्फ 46 फीसदी रह गयी। 31 अगस्त 2016 तक इस योजना के तहत खुले ऐसे खाते सिर्फ 24.35% मिले, जिनमें एक भी रुपया नहीं था।