
यमुना फिर खतरे के निशान के पार; निचले इलाकों से लोगों को बाहर निकलने के निर्देश
संक्षेप: दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर शनिवार शाम को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर के 205.52 मीटर तक पहुंच गया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पढ़ें यह रिपोर्ट…
दिल्ली में शनिवार को एक बार फिर यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। पुरानी दिल्ली स्थित पुल के समीप यमुना का जलस्तर 205.52 मीटर तक पहुंच गया जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से ज्यादा है। प्रशासन की ओर से निचले इलाके में रहने वाले लोगों को लगातार बाहर निकाला रहा है ताकि वे यमुना की चपेट में न आए। सरकार द्वारा लोगों के लिए कई जगहों पर राहत शिविर भी बनाए जा चुके हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे रहा था। शनिवार सुबह यह खतरे के निशान के पास पहुंच गया था। हरियाणा से यमुना में अतिरिक्त पानी छोड़ने के चलते शनिवार दोपहर बाद इसका जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान को पार कर गया। बताया जाता है कि यमुना का जलस्तर 205.52 पहुंच गया जिसके देर रात तक और बढ़ने के आसार हैं। दिल्ली में खतरे का निशान 205.33 मीटर है।
केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि नदी का जलस्तर मुख्य रूप से वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराजों से हर घंटे छोड़े जा रहे भारी मात्रा में पानी के कारण बढ़ रहा है। रविवार शाम तक पानी का स्तर कम होने की संभावना है।
वहीं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे लगभग 53,950 क्यूसेक पानी और वजीराबाद से 51,210 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बैराजों से छोड़ा गया पानी आमतौर पर दिल्ली पहुंचने में 48 से 50 घंटे लेता है।
दिल्ली सरकार का कहना है कि वह पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं। बोट क्लब की नाव से लगातार गश्त की जा रही है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को बाहर निकलने के निर्देश दिए जा रहे हैं। कई परिवारों को वहां से निकालकर राहत शिविर भी भेजा गया है।
नदी के पास निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अस्थायी रूप से ठहराने के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और मयूर विहार में टेंट लगाए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि रात 8 बजे यमुना का जलस्तर 205.52 मीटर था। दिल्ली में चेतावनी का निशान 204.5 मीटर है जबकि खतरे का निशान 205.3 मीटर है।
वहीं जलस्तर 206 मीटर जाने पर लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाए जाने का काम शुरू होता है। पुराना रेलवे पुल नदी के बहाव और बाढ़ के खतरे को ट्रैक करने के लिए एक मुख्य जगह है।
दिल्ली सरकार की ओर से मयूर विहार, शास्त्री पार्क आदि जगहों पर सैकड़ों लोगों के ठहरने के लिए टेंट लगाए गए हैं। वहां उनके लिए पानी, शौचालय, उपचार, खाने-पीने आदि का भी बंदोबस्त किया जा रहा है। दिल्ली सरकार का कहना है कि उसको उम्मीद है कि जल्द ही यमुना का जलस्तर घटेगा और स्थिति सामान्य हो जाएगी। फिलहाल विभागों के अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं।
(हिन्दुस्तान संवाददाता के इनपुट के साथ)





