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सवर्ण नेताओं का ही साथ देती है AAP, दलित-मुस्लिम का नहीं: इस्तीफे में क्या-क्या बोले गौतम

आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सीमापुरी से विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने विधानसभा की सदस्यता भी छोड़ दी है।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 6 Sep 2024 11:10 AM
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आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सीमापुरी से विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने विधानसभा की सदस्यता भी छोड़ दी है। अरविंद केजरीवाल के नाम एक खुला खत लिखते हुए राजेंद्र पाल गौतम ने अपने मन की बात भी विस्तार से बताई है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल का आगे भी सम्मान करते रहने की बात कही। लेकिन कुछ मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी से निराशा जाहिर करते हुए इस्तीफे का ऐलान किया।

राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि केजरीवाल के प्रति जो सम्मान उनके मन में था वह हमेशा रहेगा। किसी से व्यक्तिगत द्वेष से इनकार करते हुए उन्होंने स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आम आदमी पार्टी की सरकार के कामकाज की तारीफ करते हुए कहा कि यह सबके लिए उदाहरण है, लेकिन अपेक्षित परिणाम आना अभी भी बाकी है।

‘AAP में दलित, अल्पसंख्यक को हिस्सेदारी नहीं’
राजेंद्र पाल गौतम ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी में दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यकों को हिस्सेदारी नहीं दी जाती। उन्होंने लिखा, 'आम आदमी पार्टी के शीर्ष और मुख्य नेतृत्व में या फिर राज्यसभा के लिए मनोनीत लोगों में दलित, पिछड़े, आदिवासी, व अल्पसंख्यक को मौका देना तो दूर उनकी हिस्सेदारी के बारे में सोचा तक नहीं जाता है। यह नेतृत्व समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांत के विरूद्ध है।'

इस्तीफे के कुछ देर बाद ही कांग्रेस में शामिल हो गए गौतम ने कहा कि वह आम आदमी पार्टी के बंधन से मुक्त होकर बहुजन समाज और उपेक्षित वर्गों के अधिकारियों के लिए खुलकर लड़ाई लड़ पाएंगे। गौतम ने कहा कि आम आदमी पार्टी भाजपा की विचारधारा के प्रचंड दबाव में है और अल्पसंख्यक और बहुजन समाज के हितों को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी की नीति में बदलाव की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं होने से निराशा हुई।

सवर्ण का साथ, मुस्लिम-दलित मन ही मन ब्लैक लिस्ट: गौतम

राम-कृष्ण की पूजा ना करने की शपथ दिलाने वाले वीडियो के बाद मंत्री पद से हटाए गए गौतम ने आरोप लगाया कि पार्टी सवर्ण नेताओं का साथ देती है, दलित और मुस्लिम का नहीं। उन्होंने कहा, 'पार्टी सवर्ण जाति के विधायक या मंत्रियों पर किसी भी तरह का आरोप लगने पर भी उनका ही साथ देती है। लेकिन यदि मुस्लिम या दलित पर कोई आरोप चाहे वह झूठा ही क्यों न हो उसका साथ तुरंत छोड़ देती है। पार्टी एक तरह से मुस्लिम और दलित को मन ही मन ब्लैकलिस्ट कर देती है और अपना व्यवहार भी बदल लेती है, जोकि पीड़ादायी है।' उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी एसटी, एसटी, ओबीसी और माइनॉरिटी को कोई विशेष प्रतिनिधित्व नहीं देती है। गौतम ने कहा कि उन्हें सामाजिक न्याय उनके जीवन का पहला और अंतिम लक्ष्य है और उन्हें यह लगने लगा था कि इस पार्टी में रहकर पर कुछ नहीं कर पाएंगे।

 

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