
उस रात क्यों लगा था दिल्ली-जयपुर हाईवे पर भीषण जाम? इन कमियों को दूर करने की तैयारी
संक्षेप: एक सितंबर को गुरुग्राम में हुई मूसलाधार बारिश के बाद दिल्ली-जयपुर हाईवे पर करीब 20 किलोमीटर लंबा जाम लग गया था। इससे वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई थी। वह घंटों जाम में फंस गए थे। अब ट्रैफिक पुलिस इससे सबक लेते हुए भविष्य के लिए ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर लगने वाले जाम के कारणों का पता लगाकर खामियां दूर करने के लिए ऑडिट शुरू हो गया है। ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक इंजीनियरिंग सेंटर के अनुभवी विशेषज्ञों के साथ मिलकर हाईवे का विस्तृत ऑडिट शुरू कर दिया है।

एक सितंबर को गुरुग्राम में हुई मूसलाधार बारिश के बाद दिल्ली-जयपुर हाईवे पर करीब 20 किलोमीटर लंबा जाम लग गया था। इससे वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई थी। वह घंटों जाम में फंस गए थे। अब ट्रैफिक पुलिस इससे सबक लेते हुए भविष्य के लिए ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इस ऑडिट का मुख्य उद्देश्य तात्कालिक कारणों की पहचान करने के साथ भविष्य में ऐसी किसी भी आपदा को रोकने के लिए एक ठोस कार्ययोजना तैयार करना है।
एक सितंबर को लगा था जाम
ट्रैफिक डीसीपी डॉ.राजेश मोहन ने बताया एक सितंबर रात को लगे जाम के पीछे कई शुरुआती कारण सामने आए हैं। सबसे प्रमुख कारण था सड़क पर अचानक खराब हुईं गाड़ियां, जिन्होंने पहले से ही भारी ट्रैफिक को पूरी तरह से बाधित कर दिया। इसके अलावा बारिश के पानी का ठीक से न निकल पाना और जगह-जगह बने गड्ढों ने भी स्थिति को बदतर बना दिया।
इन कमियों का पता लगाया जा रहा
ट्रैफिक इंजीनियरिंग के दृष्टिकोण से हाईवे पर मौजूद सभी कमियों की जांच की जा रही है। जैसे कि, क्या रोड पर लेन की संख्या पर्याप्त है? क्या साइन बोर्ड सही जगह पर लगे हैं? क्या कहीं कोई ‘बॉटलनेक’ (संकीर्ण रास्ता) है जो ट्रैफिक को रोकता है। ऑडिट के बाद, ट्रैफिक पुलिस एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। इस रिपोर्ट में न केवल समस्याओं का जिक्र होगा, बल्कि उनके संभावित और प्रभावी समाधान भी सुझाए जाएंगे। यह रिपोर्ट भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को भेजी जाएगी, ताकि आवश्यक सुधारों पर तत्काल कार्रवाई हो सके। इन उपायों में सड़क की मरम्मत, गड्ढों को भरना, जल निकासी प्रणाली को दुरुस्त करना है।
विशेषज्ञ निरीक्षण कर रहे
ट्रैफिक पुलिस और विशेषज्ञों की यह संयुक्त टीम हाईवे के हर संवेदनशील हिस्से का बारीकी से निरीक्षण कर रही है। ऑडिट में तीन प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। टीम उन सभी संवेदनशील हिस्सों को चिन्हित कर रही है, जहां अक्सर जाम लगता है। इसमें अंडरपास, फ्लाईओवर के शुरुआती और अंत वाले हिस्से, और सर्विस लेन शामिल हैं।





