नोएडा एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए अंडरग्राउंड नहीं, जमीन पर बिछेगा रेलवे ट्रैक; 2350 करोड़ आएगा खर्च
नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग से जोड़ने के लिए 68 किलोमीटर लंबा ट्रैक बिछेगा। पहले यह ट्रैक भूमिगत बिछना था, लेकिन अब जमीन के ऊपर से गुजरेगा। यह ट्रैक रुंधी से चोला तक जाएगा।

नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग से जोड़ने के लिए 68 किलोमीटर लंबा ट्रैक बिछेगा। पहले यह ट्रैक भूमिगत बिछना था, लेकिन अब जमीन के ऊपर से गुजरेगा। यह ट्रैक रुंधी से चोला तक जाएगा। उत्तर मध्य रेलवे ने इसका एलाइंमेंट तैयार कर लिया है। प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग से जोड़ने की योजना करीब दो वर्ष पहले बननी शुरू हुई थी। उत्तर मध्यम रेलवे को रेलमार्ग की डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसका खाका तैयार कर लिया गया है।
हरियाणा के रुंधी स्टेशन से एयरपोर्ट की दूरी लगभग 29 किलोमीटर और चोला स्टेशन से 16 किलोमीटर है। रुंधी हरियाणा के पलवल के पास है, जबकि चोला बुलंदशहर के खुर्जा में है। इस रेलमार्ग की सीधी लंबाई 45 किलोमीटर है, लेकिन एलाइंटमेंट में बदलाव और लूप समेत कई अन्य निर्माण के चलते इसकी लंबाई 68 किलोमीटर हो गई है। पहले यह 61 किलोमीटर का ट्रैक था। इस ट्रैक पर पांच रेलवे स्टेशन प्रस्तावित हैं। वहीं, कार्गो के लिए डेडिकेटेड टर्मिनल बनाने पर भी विचार हो रहा है।
सेक्टरों के बाहर से गुजरेगा ट्रैक
वर्तमान एलाइंमेंट में भी रेलवे ने रेलमार्ग को यमुना सिटी के सेक्टर-6, 7, 8 के बीच से गुजारा हुआ है। इसके अलावा एयरपोर्ट साइट से भी कुछ मीटर रेलमार्ग जा रहा है, जिस पर प्राधिकरण ने आपत्ति जताई है। प्राधिकरण ने सेक्टर के बाहर जा रहे रजवाहे के किनारे रेलमार्ग बनाने और एयरपोर्ट साइट से भी रेलमार्ग को हटाने के लिए रेलवे को अब संशोधन प्लान भेजने की तैयारी कर ली है, इसके लिए पत्राचार शुरू कर दिया गया है।
2350 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद
रुंधी से चोला वाया एयरपोर्ट रेलमार्ग बनने में करीब 2350 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। बाद में इस लाइन को आनंद विहार टर्मिनल होते हुए आईजीआई एयरपोर्ट तक भी कनेक्टीविटी देने पर विचार हो रहा है, ताकि कार्गो के साथ ही यात्रियों को सुविधा मिल सके। उम्मीद की जा रही है कि मंजूरी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसानों से जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके बाद रेलमार्ग बनाने का काम शुरू हो सकेगा।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने कहा, 'सेंट्रल रेलवे प्रयागराज ने रेलमार्ग का खाका तैयार कर लिया है। इसमें संशोधन होने की जरूरत है। फिलहाल रेलमार्ग कुछ सेक्टरों और एयरपोर्ट साइट से होकर गुजर रहा है, जिसे बाहर से गुजारा जाएगा, इसके लिए पत्राचार किया जा रहा है।'