
तिहाड़ जेल में नई व्यवस्था लागू, कैदियों को रिहाई से पहले बताई जाएगी यह बात
संक्षेप: दिल्ली की तिहाड़ जेल प्रशासन ने अब एक नई व्यवस्था लागू की है। रिहा होने वाले कैदी को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, पैरोल, फरलो या अंतरिम जमानत पर रिहा होने वाले कैदियों को उनके सरेंडर करने की तारीख पहले ही बता दी जाएगी।
दिल्ली की तिहाड़ जेल प्रशासन ने अब एक नई व्यवस्था लागू की है। रिहा होने वाले कैदी को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, पैरोल, फरलो या अंतरिम जमानत पर रिहा होने वाले कैदियों को उनके सरेंडर करने की तारीख पहले ही बता दी जाएगी। यह कदम दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद उठाया गया है। इसका उद्देश्य कैदियों को समय पर सरेंडर करने में मदद करना और देरी से सरेंडर के कारण उत्पन्न होने वाली कानूनी समस्याओं को रोकना है। अब तक कैदियों के देर से लौटने पर उनकी सजा बढ़ाई जाती रही है, जिससे वे अतिरिक्त दंड भुगतते हैं।

अधीक्षक पर जिम्मेदारी तय : नई व्यवस्था के तहत जेल अधीक्षक की जिम्मेदारी होगी कि कैदियों को समय रहते पूरी जानकारी दी जाए। दिल्ली कारागार नियम 2018 के नियम 1236 के अनुसार, अधीक्षक को सुनिश्चित करना होगा कि हर कैदी को लिखित और मौखिक दोनों तरह से सरेंडर से जुड़ी सूचना मिले। रिकॉर्ड में इसका उल्लेख करना और कैदी से रसीद लेना भी अनिवार्य होगा।
इसलिए यह कदम उठाया
बड़ी संख्या में कैदी कम पढ़े-लिखे या अनपढ़ होते हैं, जिन्हें सरेंडर की सही तारीख की जानकारी नहीं मिलती। ऐसे कैदियों को समय पर वापसी न करने पर न केवल अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ती है, बल्कि उनके खिलाफ वॉरंट जारी करने या गिरफ्तारी जैसी कार्रवाई भी होती है। इतना ही नहीं, भविष्य में उनकी पैरोल मिलने की संभावना भी कम हो जाती है। नई व्यवस्था के लागू होने के बाद उम्मीद है कि अब कैदी समय पर लौटेंगे और पैरोल जंप जैसी समस्याओं से बचा जा सकेगा।
अभी नहीं है ऐसा कोई भी नियम
पैरोल या फरलो मिलने पर कैदियों को जानकारी दी जाती है। हालांकि सरेंडर की सटीक तारीख बताने का नियम अभी नहीं है। कैदियों और उनके अधिवक्ताओं को केवल दिनों की संख्या बताई जाती है, ताकि उन्हें स्पष्ट हो सके कि वे कितने दिनों के लिए जेल से बाहर रह सकेंगे।





