Hindi Newsएनसीआर NewsSuspended 9 Tihar jail officials over alleged extortion racket, Delhi govt to High Court
वसूली रैकेट मामले में तिहाड़ जेल के 9 अधिकारियों पर गिरी गाज; दिल्ली सरकार ने HC को बता मांगी मोहलत

वसूली रैकेट मामले में तिहाड़ जेल के 9 अधिकारियों पर गिरी गाज; दिल्ली सरकार ने HC को बता मांगी मोहलत

संक्षेप: हाई कोर्ट ने सीबीआई की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद कई निर्देश जारी किए, इस रिपोर्ट में जेल में कई अवैध और भ्रष्ट गतिविधियों में कैदियों और जेल अधिकारियों की मिलीभगत के बारे में इशारा किया गया है।

Wed, 13 Aug 2025 05:29 PMSourabh Jain हिन्दुस्तान टाइम्स, श्रुति कक्कड़, नई दिल्ली
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दिल्ली सरकार ने तिहाड़ जेल के अंदर कैदियों के सहयोग से चलाए जा रहे जबरन वसूली रैकेट के मामले में एक्शन लेते हुए इसमें शामिल नौ जेल अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। सरकार ने इस बात की जानकारी बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को दी और बताया कि आरोपी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही भी शुरू कर दी है। सरकार ने यह एक्शन 2 मई को अदालत से मिले उस निर्देश के बाद लिया, जिसमें उसने सरकार को जबरन वसूली रैकेट को समर्थन देने वाले अधिकारियों की पहचान करने के लिए गहन जांच करने और की गई कार्रवाई पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। हालांकि दो दिन पहले यानी सोमवार को निर्देश का पालन न होने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई थी और कड़ी फटकार लगाते हुए सरकार को अधिकारियों के खिलाफ उठाए गए कदमों का विवरण देने का निर्देश दिया था।

अदालत को इन कदमों से अवगत कराते हुए सरकार का पक्ष रख रहे वकील ने कोर्ट से रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो महीने का और समय देने का आग्रह किया। जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने 28 अक्टूबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। अदालत ने अपने आदेश में कहा, 'आवेदन में दिए गए कथनों को ध्यान में रखते हुए, GNCTD के गृह विभाग को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए आठ सप्ताह का अतिरिक्त समय देते हुए इस मामले को 28 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया जाता है। जिस दिन सीबीआई और राज्य सरकार द्वारा 11 अगस्त 2025 को दिए गए निर्देशानुसार स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।'

अदालत ने यह निर्देश मोहित कुमार गोयल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए, जिन्हें धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और दो महीने बाद जमानत दे दी गई थी। गोयल ने अपनी याचिका में जेल के अंदर जबरन वसूली रैकेट चलने का आरोप लगाते हुए इसकी स्वतंत्र जांच की मांग की है। गोयल द्वारा याचिका दायर करने और जेल में जबरन वसूली नेटवर्क के बेखौफ होकर काम करने का आरोप लगाने के बाद पिछले साल सितंबर में अदालत ने तिहाड़ जेल के निरीक्षण का आदेश दिया था।

अदालत के आदेश के बाद जेल के निरीक्षण न्यायाधीश ने 7 अप्रैल को एक रिपोर्ट दायर की थी जिसमें जेल में जबरन वसूली रैकेट के चलने का खुलासा हुआ और साथ ही यह भी पता चला कि इसके लिए जेल के लैंडलाइन नंबर का दुरुपयोग किया जा रहा था। इसमें जेल अधिकारियों के बीच गंभीर अनियमितताओं और आपराधिक मिलीभगत को भी उजागर किया गया था।

रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद उच्च न्यायालय ने 2 मई को सीबीआई को प्रारंभिक जांच (PE) शुरू करने का निर्देश दिया था और दिल्ली सरकार से इस रैकेट में मदद करने वाले दोषी अधिकारियों की पहचान करने के लिए गहन जांच शुरू करने को कहा था। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान इस रैकेट से हैरान हाई कोर्ट ने CBI को इसकी जांच के लिए FIR दर्ज करने का भी निर्देश दिया। अदालत ने कहा यह अस्वीकार्य है कि सभी कैदियों को बुनियादी न्यूनतम जरूरतें पूरी करने की जिम्मेदारी होने के बावजूद, अधिकारी ऐसा करने में विफल रहे हैं, जिसके चलते धनी या प्रभावशाली लोग इसका अवैध फायदा उठा रहे हैं।

Sourabh Jain

लेखक के बारे में

Sourabh Jain
सौरभ जैन पत्रकारिता में लगभग 15 वर्ष से जुड़े हुए हैं। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत जुलाई 2009 में ZEE24 छत्तीसगढ़ न्यूज चैनल से की थी। इसके बाद वे IBC24 और दैनिक भास्कर जैसी संस्थाओं में भी सेवाएं दे चुके हैं। सौरभ साल 2023 से लाइव हिन्दुस्तान से जुड़े हुए हैं और यहां पर स्टेट डेस्क में कार्यरत हैं। सौरभ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रहने वाले हैं और उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई और ग्रेजुएशन दोनों यहीं से किया है। इसके बाद उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में मास्टर्स की डिग्री ली है। सौरभ को राजनीति, बॉलीवुड और खेल की खबरों में विशेष रुचि है। और पढ़ें
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