लापरवाही: सरकार ने 2018 में जारी किए थे 48 लाख रुपये, आज तक इन चार अस्पतालों में नहीं लगे अग्निशमन यंत्र
गाजियाबाद जिले के चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अग्निशमन यंत्र से संबंधित उपकरण के लिए तीन साल पहले शासन से 48 लाख रुपये जारी किए गए थे, लेकिन अभी तक केंद्रों पर कुछ व्यवस्था नहीं की गई है।...
गाजियाबाद जिले के चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अग्निशमन यंत्र से संबंधित उपकरण के लिए तीन साल पहले शासन से 48 लाख रुपये जारी किए गए थे, लेकिन अभी तक केंद्रों पर कुछ व्यवस्था नहीं की गई है। इसमें शासन की ओर से आवास विकास को जिम्मेदारी दी गई थी। दमकल विभाग की ओर से नोटिस मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने शासन को रिपोर्ट भेज दी है।
शासन के निर्देश पर अग्निशमन विभाग की ओर से 25 मई से जिले के सरकारी और निजी 112 अस्पतालों में निरीक्षण किया गया था। इसमें जिले के बड़े और नामी अस्पताल भी अग्निशमन विभाग के मानकों पर खरे नहीं उतरे। वहीं दो सरकारी अस्पताल और चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी अपूर्ण मिले। इसके बाद अग्निशमन विभाग ने अपनी रिपोर्ट तैयार करके शासन और प्रशासन को भेज दी।
इसके बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। निजी अस्पतालों ने अपनी सफाई देनी शुरू कर दी। वहीं जिला संयुक्त अस्पताल और जिला एमएमजी अस्पताल ने भी अपना विवरण तैयार कर लिया। जिला संयुक्त अस्पताल प्रबंधन की ओर से मई माह में अपर निदेशक विद्युत पत्र लिखकर अग्निशमन यंत्र के नवीनीकरण की मांग की गई थी, जो अभी तक पूरी नहीं हुई है।
वहीं स्वास्थ्य विभाग ने मामला और बढ़ गया है। सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता का कहना है कि विभाग की ओर से लोनी, डासना, मोदीनगर और मुरादनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अग्निशमन यंत्र व उपकरण लगवाने के लिए शासन को पत्र लिखा गया था। इसमें शासन की ओर से वर्ष 2018 में 96 लाख रुपये का बजट जारी किया गया। इसमें शासन की ओर से कानपुर के आवास विकास परिषद को जिम्मेदारी दी गई थी। इसके लिए 48 लाख रुपये की पहली किश्त संस्था को भेज दी गई। बता दें कि पिछले तीन साल में अभी तक केंद्रों पर कोई उपकरण या मशीन नहीं लगी है।
कोविड अस्पताल भी नहीं मिले ठीक
अग्निशमन विभाग की रिपोर्ट में जिले के कोविड अस्पतालो में भी मानक पूरे नहीं मिले। कोविड एल-3 संतोष अस्पताल और कोविड एल-2 जिला संयुक्त अस्पताल में इमारत की अपेक्षा आग बुझाने के पर्याप्त साधन नहीं थे। ऐसे में मरीजों के लिए काफी खतरा बना है। देश भर में विभिन्न कोविड अस्पतालों में आग लगने के हादसे हो चुके हैं। ऐसे में गाजियाबाद के मरीजों के लिए भी खतरा बना हुआ है।
सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता ने कहा, 'स्वास्थ्य केंद्र और अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र लगवाने के लिए विभाग को अवगत कराया जाता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। शासन स्तर से भी संबंधित विभाग को 48 लाख रुपये जारी किए गए थे, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। अग्निशमन की रिपोर्ट के बाद शासन और प्रशासन को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है।'