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आर-पार की लड़ाई का ऐलान, मेडलों को गंगा में बहाएंगे पदकवीर पहलवान; फिर इंडिया गेट पर आमरण अनशन का प्लान

महिला खिलाड़ियों के कथित यौन शोषण मामले में भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पहलवान जंतर-मंतर से हटाए जाने के बाद आर-पार की लड़ाई पर उतर आए हैं।

आर-पार की लड़ाई का ऐलान, मेडलों को गंगा में बहाएंगे पदकवीर पहलवान; फिर इंडिया गेट पर आमरण अनशन का प्लान
Praveen Sharmaनई दिल्ली। लाइव हिन्दुस्तानTue, 30 May 2023 01:33 PM
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महिला खिलाड़ियों के कथित यौन शोषण मामले में भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पहलवान जंतर-मंतर से हटाए जाने के बाद अब आर-पार की लड़ाई पर उतर आए हैं। आंदोलन में शामिल सभी पहलवानों ने आज अपना गुस्सा जाहिर करते हुए अपने मेडल गंगा में बहाने का ऐलान किया है।

जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लेकर जंतर-मंतर के धरनास्थल से हटाए गए देश के शीर्ष पहलवानों ने मंगलवार को कहा कि वे कड़ी मेहनत से जीते अपने पदक गंगा नदी में फेंक देंगे और इंडिया गेट पर 'आमरण अनशन' पर बैठेंगे।

ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया कि पहलवान आज शाम 6 बजे हरिद्वार जाकर गंगा नदी में अपने मेडल प्रवाहित करेंगे। इसके बाद वो इंडिया गेट पर आमरण अनशन शुरू करेंगे। 

देश के शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को बृज भूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

वहीं, रियो ओलंपिक 2016 की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक बयान में कहा कि पहलवान मंगलवार को शाम छह बजे पदकों को पवित्र नदी में विसर्जित करने के लिए हरिद्वार जाएंगे। साक्षी की साथी पहलवान विनेश फोगाट ने भी इस बयान को शेयर किया।

साक्षी ने बयान में कहा, ''पदक हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। हम इन्हें गंगा में बहाने जा रहे हैं। इनके गंगा में बहने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा, इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।'' 

पहलवानों को जंतर-मंतर से हटाया, एफआईआर भी दर्ज

बता दें कि, नई संसद के बाहर रविवार को बुलाई गई 'महिला महापंचायत' के लिए कूच करने के दौरान जंतर-मंतर पर पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद पुलिस ने पहलवानों और प्रदर्शनाकारियों को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद पुलिस ने जंतर-मंतर पर लगे पहलवानों के तंबू और सामानों को वहां से हटाकर इस इलाके को जबरन खाली करा दिया था। इतना ही नहीं दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन को लेकर पहलवान, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के साथ-साथ आयोजकों और उनके समर्थकों के खिलाफ रविवार को आईपीसी की आठ धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। आईपीसी की धाराओं- 188, 186, 353 332, 352,147,149 और धारा 3 के तहत दर्ज एफआईआर में इन सभी पर दंगा करने तथा सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने के आरोप लगाए गए हैं। दिल्ली पुलिस का कहना है कि वह पहलवानों को जंतर-मंतर पर दोबारा प्रदर्शन की अनुमति नहीं देगी। पहलवान कहीं और प्रदर्शन जारी रखना चाहें तो उस पर विचार किया जा सकता है।

पुलिस की इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए पहलवान विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने कहा था कि दिल्ली पुलिस को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में सात दिन लग गए थे, लेकिन उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने में सात घंटे भी नहीं लगे, जो 'शांतिपूर्वक' विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे।