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टॉयलेट यूज करने के लिए दरवाजा खटखटाते हैं, वरिष्ठ नागरिकों का PM को खत; CCTV लगवाने की भी अपील

न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए फोरम के एक सदस्य पी एन मल्होत्रा ने कहा कि कई बार इसको लेकर चिंता जताई गई है लेकिन इसपर कुछ भी नहीं किया गया है। अब पीएम मोदी को खत लिखा गया है।

टॉयलेट यूज करने के लिए दरवाजा खटखटाते हैं, वरिष्ठ नागरिकों का PM को खत; CCTV लगवाने की भी अपील
Nishant Nandanपीटीआई,नई दिल्लीSun, 29 Jan 2023 05:54 PM

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जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में होने वाले प्रदर्शनों से आसपास रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों को समस्या होने लगी है। दिल्ली के मुनिरका विहार के लोग यातायात के शोर से नहीं बल्कि इस बात से परेशान हैं कि अंजान लोग उनके घर का दरवाजा खटखटाते हैं और बाथरूम इस्तेमाल करने की इजाजत मांगते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जेएनयू के गेट के बाहर पब्लिक टॉयलेट नहीं हैं जिसकी वजह से यहां लोगों को परेशानी होती है। इलाके में लोग खुले में बाथरूम करते हैं जिसकी वजह से गंदी बदबू आती है। इलाके के लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन को इसके संबंध में सूचना दी है लेकिन इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

इलाके में रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है। इस खत के जरिए लोगों ने मांग कि है कि मुनिरका के नजदीक बड़ा गंग नाथ मार्ग के पास पब्लिक टॉयलेट बनवाया जाए। इसके अलावा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी कैमरा लगाने की भी अपील इस खत के जरिए की गई है।

12 दिसंबर, 2022 को सीनियर सिटिजन फोरम ने लिखा है। इसमें फोरम की तरफ से बताया गया है कि मुनिरका विहार में साल 1977 में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को डीडीए फ्लैट आवंटित किये गये थे। इनमें से ज्यादातर फ्लैटों में वरिष्ठ नागरिक रहते हैं। विश्वविद्यालय के ठीक पीछे बने इन फ्लैटों में रहने वाले लोगों को अब परेशानी हो रही है।

इन लोगों का आरोप है कि यहां पब्लिक टॉयलेट नहीं है। जिसकी वजह से पुलिस कर्मी और मीडिया कर्मी जब जेएनयू में किसी प्रदर्शन के दौरान यूनिवर्सिटी के बाहर आते हैं तब वो इन इलाकों में रहने वाले लोगों के दरवाजे पर दस्तक देते हैं, कुछ खुले में बाथरूम करते हैं। पीटीआई से बातचीत करते हुए फोरम के सदस्य पी एन मल्होत्रा ने कहा कि कई बार इसको लेकर चिंता जताई गई है लेकिन इसपर कुछ भी नहीं किया गया है। 

'महिला मीडिया कर्मी भी आती हैं'

सार्वजनिक बूथ ना होने की वजह से महिला पुलिसकर्मी और मीडिया कर्मी को सबसे ज्यादा समस्या होती है। उन्होंने कहा कि मर्द खुले में बाथरूम कर लेते हैं। हालांकि, यह भी गलत है लेकिन उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है तो वो करते हैं। लेकिन महिला पत्रकारों को यूनिवर्सिटी के बाहर कई घंटों तक इंतजार करना पड़ता है और कोई विकल्प नहीं होने की वजह से वो मजबूरीवश दरवाजे पर दस्तक देती हैं।

यहां रहने वाले एक अन्य स्थानीय नागरिक के सी पाठक ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि जेएनयू के गेट के बाहर पब्लिक बूथ बनना ही चाहिए। हम कई दिनों से इसकी मांग कर रहे हैं। इलाके में सीसीटीवी की जरूरत बताते हुए सतवंत कौर कहती हैं कि इसकी काफी जरूरत हैं क्योंकि यहां कई वरिष्ठ नागरिक रहते हैं और इनमें से कई अकेले भी रहते हैं। घरों को चोर, डकैत निशाना बना सकते हैं। सीसीटीवी नागरिकों के डर को खत्म कर सकता है। 

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