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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भाजपा क्यों खुश, दिल्ली में पार्षद खिलाने लगे मिठाई; क्या है वजह

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति पर बड़ा फैसला दिया है। इस फैसले पर भाजपा ने खुशी जाहिर की है। इस दौरान भाजपा की तरफ से खुशी में मिठाई भी खिलाई गई है। आइये जानते हैं वजह।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भाजपा क्यों खुश, दिल्ली में पार्षद खिलाने लगे मिठाई; क्या है वजह
Mohammad Azamराहुल मानव,दिल्लीMon, 05 Aug 2024 03:58 PM
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मनोनीत पार्षद (एल्डरमैन) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा खुश नजर आ रही है। दिल्ली नगर निगम के नेता विपक्ष और राजौरी गार्डन से भाजपा पार्षद राजा इकबाल सिंह ने सोमवार को मध्य जोन से उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की तरफ से दरियागंज के रहने वाले मनोज जैन को मिठाई खिलाई। उन्होंने प्रेसवार्ता कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली नगर निगम में एल्डरमैन की नियुक्ति का अधिकार दिल्ली के उपराज्यपाल को है।

इस बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि एमसीडी एक्ट के अनुच्धेद 3 और 3 बी के अनुसार दिल्ली नगर निगम में एल्डरमैन की नियुक्ति उपराज्यपाल के अधिकारों में निहित है और इसके लिए दिल्ली सरकार के सलाह की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने निगम में सत्ता पक्ष पर निशाना साधते आरोप लगाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी को निगम एक्ट में एल्डरमैन की नियुक्ति के संदर्भ में उपराज्यपाल के अधिकारों के बारे में पता था उसके बाद भी आम आदमी पार्टी ने स्थायी समिति अध्यक्ष के चुनावों को नहीं होने दिया। जिसके कारण दिल्ली का विकास रुक गया और नागरिकों को परेशान होना पड़ा। आम आदमी पार्टी की इस हठधर्मी की वजह दिल्ली का विकास दस साल पीछे चला गया है। 

भाजपा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने पहले निगम को तीन टुकड़ों में विभाजित किया था और दिल्ली की सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार ने फंड रोककर निगम को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने निगमों की समस्या को समझा और 2022 में एकीककृत दिल्ली नगर निगम का गठन किया। इससे दिल्ली नगर निगम के खर्चे कम हुए जिसका फायदा कर्मियों को वेतन मिलने से हो रहा है। राज्य सरकार, यदि निगम को आर्थिक मदद करती तो बकाये से लेकर रूके हुए विकास कार्य तेजी से होते पर उनकी तरफ से अब भी निगम के 15 हजार करोड़ रूपये नहीं दिए जा रहे हैं। 

नेता विपक्ष ने कहा ने कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब आम आदमी पार्टी को जल्द से जल्द स्थायी समिति और वार्ड समितियों के चुनाव करवाने चाहिए ताकि रुके हुए विकास कार्य फिर से शुरू हो सकें और नागरिकों को दिल्ली नगर निगम की सुविधाएं मिल सकें। स्थायी समिति निगम की एक महत्वपूर्ण समिति है जिसके न होने के कारण निगम द्वारा किए जाने वाले सारे विकास कार्य रुक गए थे। नागरिकों के हितों को देखते हुए अब आम आदमी पार्टी की मेयर को स्थायी समिति व वार्ड समितियों के चुनाव की अधिसूचना जल्द से जल्द जारी करनी चाहिए। 

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी हमेशा केंद्र सरकार और उपराज्यपाल को निशाना बनाती है जबकि असल में दिल्ली के विकास कार्यों में सबसे बड़ी बाधा आम आदमी पार्टी स्वयं उत्पन्न करती है। राज्य सरकार पर चौथे और पांचवें दिल्ली वित्त आयोजन की सिफ़ारिशों के अनुरूप दिल्ली नगर निगम का 15 हजार करोड़ रुपये बकाया है। जिसे जल्द से जल्द जारी किया जाना चाहिए और छठे दिल्ली वित्त आयोग के गठन को मंजूरी देनी चाहिए। उन्होंने कहा की अब दिल्ली नगर निगम में और दिल्ली सरकार में आम आदमी पार्टी की सरकार है उसके बाद भी दिल्ली नगर निगम को उसका बकाया फंड जारी नहीं किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि स्थायी समिति में आम आदमी पार्टी के पास जीतने के अंक नहीं थे इसलिए वह चुनाव को टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट गई थी। चूंकि कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट से उपराज्यपाल के निर्णय की जीत हो गई है तो स्थायी समिति का चुनाव भी भाजपा जीतेगी।