वॉट्सऐप चैट ने बदल दिया दुष्कर्म के मुकदमे का रुख, कोर्ट ने पीड़िता पर उठाए सवाल
दुष्कर्म के एक मामले में पीड़िता और आरोपी की वॉट्सऐप चैट ने पूरे मामले का रुख ही बदल दिया। एक तरफ जहां पीड़िता आरोपी पर दुष्कर्म और ब्लैकमेल करने का आरोप लगा रही है, वहीं आरोपी की तरफ से पेश वॉट्सऐप...
दुष्कर्म के एक मामले में पीड़िता और आरोपी की वॉट्सऐप चैट ने पूरे मामले का रुख ही बदल दिया। एक तरफ जहां पीड़िता आरोपी पर दुष्कर्म और ब्लैकमेल करने का आरोप लगा रही है, वहीं आरोपी की तरफ से पेश वॉट्सऐप चैट कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। अदालत ने प्रथमदृष्टया माना कि पीड़िता खुद वॉट्सऐप पर आरोपी से अश्लील चैट कर रही है। यहां तक कि वह आरोपी को कथिततौर पर शारीरिक संबंध बनाने के लिए उकसा रही है। ऐसे में अदालत ने पिछले साढ़े पांच महीने से जेल में बंद आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।
रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार मिश्रा की अदालत ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि पीड़िता व आरोपी के मोबाइल फोन पर वॉट्सऐप चैट का रिकॉर्ड देखने के बाद प्रथमदृष्टया साफ है कि दोनों के बीच वर्षों से शारीरिक संबंध थे और दोनों की सहमति से थे। अदालत ने कहा कि पीड़िता के बयान भरोसे के काबिल नहीं हैं। अदालत ने कहा कि जो तथ्य पेश किए गए हैं वह दुष्कर्म जैसी घटना को साबित करने के लिए अपर्याप्त हैं। वॉट्सऐप चैट के एक हिस्से का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा कि पीड़िता आरोपी से नहाते समय बात करने को कह रही है। इतना ही नहीं, पीड़िता आरोपी को अश्लील बातें करने के लिए उकसा रही है। अदालत ने कहा कि पूरा मामला एकतरफा नहीं था।
पड़ोस के शादीशुदा व्यक्ति पर लगाया आरोप
इस मामले में पीड़िता ने पड़ोस के ही एक शादीशुदा व्यक्ति पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। लड़की का कहना था कि तीन साल से वह उससे जबरन शारीरिक संबंध बना रहा था और ब्लैकमेल कर नकदी मांग रहा था। आरोपी को इस मामले में पुलिस ने फरवरी 2020 में गिरफ्तार किया था। आरोपी के वकील के आग्रह पर पुलिस ने दोनों के बीच वर्षों लंबी वॉट्सऐप चैट का रिकॉर्ड निकलवाया, जो घटना के पहले तक जारी थी। यहां तक कि इस चैट में पीड़िता आरोपी को कोर्ट मैरिज करने को भी कह रही है।
जब पता था कि आरोपी शादीशुदा तो झांसा कैसे
इस मामले में अदालत ने आरोपी को एक लाख रुपये के निजी मुचलके एवं इतने ही रुपये मूल्य के आधार पर सशर्त जमानत देते हुए पीड़िता पर सवाल खड़े किए। अदालत ने कहा कि आरोपी पीड़िता के बगल के घर में रहता था। पीड़िता जानती थी कि वह शादीशुदा है। साथ ही वह यह भी जानती थी कि उसकी एक 16 साल की बेटी भी है। अगर पीड़िता यह जानती थी तो शादी के झांसे की बात कहां से आई। अदालत ने कहा कि इस मामले में इतने झूठ हैं कि फिलहाल ब्लैकमेलिंग जैसे आरोपों पर भी भरोसा नहीं हो रहा।
दोनों ने एक-दूसरे पर की है एफआईआर
इस मामले में पहली एफआईआर आरोपी के पिता की तरफ से मारपीट की दर्ज कराई गई थी। पहली एफआईआर में पीड़िता के पिता व भाई आरोपी हैं, जबकि दूसरी एफआईआर इसके बाद पीड़िता ने दुष्कर्म व ब्लैकमेलिंग की दर्ज कराई है। अदालत ने कहा है कि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि दोनों एफआईआर आपसी बदले के रूप में दर्ज कराई गई हैं।