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जंजीरों की जकड़ में जल, दिल्ली में बूंद-बूंद के लिए जंग, वीडियो से समझें कितना गंभीर है संकट

भीषण गर्मी और हरियाणा में नदी में कम पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति दिन ब दिन खराब होती जा रही है। डीजेबी ने लोगों को पहले से ही पर्याप्त मात्रा में पानी जमा करके रखने की सलाह दी है।

जंजीरों की जकड़ में जल, दिल्ली में बूंद-बूंद के लिए जंग, वीडियो से समझें कितना गंभीर है संकट
नई दिल्ली | एएनआईTue, 17 May 2022 05:51 PM
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राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी के दौरान उत्पन्न हुए जल संकट से कुछ इलाकों में हालात और गंभीर होने लगे हैं। दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र में पानी की कमी से लोगों को भारी परेशानी हो रही है। जल संकट के बीच पानी की टंकियों और हेंडपंपों से बूंद-बूंद पानी इकट्ठा कर रहे लोग अपने पानी के डिब्बों को जंजीर से बांधकर रख रहे हैं। ऐसा ही नजारा मंगलवार को वसंत विहार के कुसुमपुर पहाड़ी इलाके में देखने को मिला।

स्थनीय लोगों का कहना है कि कई पानी के टैंकर आते हैं, लेकिन यहां पानी का हेंडपंप ही हमारा असली सहारा है। अगर यह यहां नहीं होता, तो भगवान जाने क्या होता। एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि पहले ठीक था, लेकिन अब पानी कम आ रहा है। जब यमुना में पानी कम हो जाता है तो समस्या होती है। अभी पीने के लिए सप्लायर से पानी खरीदते हैं और बाकि हैंडपंप का इस्तेमाल करते हैं।

वहीं, एक महिला भानमती ने बताया कि जैसे ही पानी का टैंकर यहां पहुंचता है भारी भीड़ उस पर टूट पड़ती है। हमारी बारी आने तक टैंकरों में पानी खत्म हो जाता है, तो हमें कुछ नहीं मिलता है। इस दौरान झगड़े भी होते हैं।

बता दें कि, भीषण गर्मी और हरियाणा में नदी में कम पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति दिन ब दिन खराब होती जा रही है। डीजेबी ने लोगों को पहले से ही पर्याप्त मात्रा में पानी जमा करके रखने की सलाह दी है और पानी के टैंकरों के अनुरोध के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।  

दिल्ली में 3 बड़े वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों का उत्पादन 40% घटा

दिल्ली में पैदा हुए जल संकट पर दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को बताया कि राजधानी दिल्ली में यमुना नदी सूखने लगी है। दिल्ली के लोगों को मिलने वाली जलापूर्ति का सबसे बड़ा हिस्सा यमुना नदी से है। यमुना में पानी की उपलब्धता हरियाणा द्वारा जारी पानी की मात्रा पर निर्भर करती है।

आज हमने यमुना नदी के स्तर में 5.5 फीट की गिरावट दर्ज की, जो एक बहुत बड़ी गिरावट है। दिल्ली में 3 बड़े वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों का उत्पादन 40% कम हो गया है और इसके कारण उत्तरी दिल्ली, पूर्वोत्तर दिल्ली, मध्य दिल्ली और एनडीएमसी के क्षेत्रों में आपूर्ति प्रभावित हुई है।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 120 क्यूसेक पानी हरियाणा से यमुना में आना चाहिए, जो नहीं आ रहा है, यह कुल 65 mgd (मिलियन गैलन/दिन) है। 20,000 लोगों के लिए 1 mgd पानी पर्याप्त है। हरियाणा द्वारा यमुना में पानी नहीं छोड़ने से दिल्ली की 13 लाख आबादी प्रभावित हो रही है।  

यमुना का पानी लगभग सूख जाने से पेयजल की समस्या विकराल 

गौरतलब है कि यमुना नदी के लगभग सूख जाने के कारण वजीराबाद, चंद्रवाल और ओखला जल शोधन संयंत्रों की उत्पादन क्षमता में और कमी आई है, जिससे दिल्ली के कई इलाकों में पेयजल की समस्या और बढ़ गई है। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के एक अधिकारी ने कहा कि इन संयंत्रों से पानी की आपूर्ति 40 प्रतिशत तक कम हो गई है। यमुना लगभग सूख चुकी है।

वजीराबाद तालाब में जल स्तर 669.40 फुट तक घट गया है, जो इस साल अब तक का सबसे कम है। नतीजतन, वजीराबाद, चंद्रवाल और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों में उत्पादन क्षमता 60-70 प्रतिशत तक कम हो गई है। वजीराबाद तालाब का जलस्तर शनिवार को सामान्य स्तर 674.50 फुट के मुकाबले 670.40 फुट रहा।

पिछले साल 11 जुलाई को तालाब का स्तर 667 फुट तक घट गया था, जिसके बाद डीजेबी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और हरियाणा को यमुना में अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। डीजेबी ने इस संबंध में हरियाणा सिंचाई विभाग को एक पखवाड़े में 12 मई, तीन मई और 30 अप्रैल को तीन बार पत्र लिखा है।

हरियाणा दो नहरों - सीएलसी और डीएसबी - और यमुना के माध्यम से दिल्ली को एक दिन में कुल 610 मिलियन गैलन (एमजीडी) पानी की आपूर्ति करता है। सीएलसी और डीएसबी को मुनक नहर और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के माध्यम से हथिनी कुंड से पानी की आपूर्ति की जाती है। इसके अलावा, दिल्ली को ऊपरी गंगा नहर के माध्यम से उत्तर प्रदेश से 253 एमजीडी पानी प्राप्त होता है और 90 एमजीडी पूरी दिल्ली में स्थापित कुओं और नलकूपों से प्राप्त होता है।

चंद्रवाल, वजीराबाद और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों की क्षमता क्रमशः 90 एमजीडी, 135 एमजीडी और 20 एमजीडी है। 40 प्रतिशत की कमी का मतलब 98 एमजीडी पानी की कमी है। ये संयंत्र दिल्ली छावनी सहित पूर्वोत्तर दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, मध्य दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और नई दिल्ली नगर परिषद क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति करते हैं।

दिल्ली को लगभग 1,200 एमजीडी पानी की आवश्यकता होती है, जबकि डीजेबी लगभग 950 एमजीडी की आपूर्ति करता है। सरकार ने जून 2023 तक जलापूर्ति को बढ़ाकर 1,180 एमजीडी करने का लक्ष्य रखा है। 

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