Video आरुषि मर्डर:जेल से रिहाई के बाद बोले तलवार दंपत्ति-दुनिया का सामना करने में लग रहा है डर
हम रो रहे थे, समझ ही नहीं आ रहा था कैसे रिएक्ट करें, इमोशनल थे लेकिन पता ही नहीं था हुआ क्या है। अंदर टीवी नहीं होती तो हमें काफी देर बाद हमारी आजादी की खबर मिली। जब हम बाहर आए तो कुछ लड़कों के गैंग...
हम रो रहे थे, समझ ही नहीं आ रहा था कैसे रिएक्ट करें, इमोशनल थे लेकिन पता ही नहीं था हुआ क्या है। अंदर टीवी नहीं होती तो हमें काफी देर बाद हमारी आजादी की खबर मिली। जब हम बाहर आए तो कुछ लड़कों के गैंग ने हमें गले से लगा लिया। कुछ ऐसे ही शब्दों के साथ तलवार दंपत्ति ने अपनी चुप्पी तोड़ी। चार साल दर्द के झेलने के बाद कल इस बाहरी दुनिया से रू-ब-रू होते हुए तलवार दंपत्ति ने अपना दर्द बयां किया। राजेश तलवार ने कहा, बाहर निकलना और नई लोगों का सामना करना थोड़ा डर तो लग रहा है।
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राजेश और नुपुर तलवार चार साल बाद जेल से बाहर आए और अपनी दुनिया में लौच गए। मीडिया से बातचीत में राजेश तलवार ने कहा, हमने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी लेकिन कुछ लोगों ने ऐसे कठिन वक्त पर हमारा साथ दिया, हम वाहेगुरु के शुक्रगुजार हैं। हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती उस सोसाइटी, उस दुनिया में वापस जाने की है।
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एक निजी वीडियो चैनल को दिए इंटरव्यू में राजेश और नूपुर तलवार एकदम से टूट गए। दोनों ने जेल के अंदर के अनुभवों के बारे में बताया। एक ओर जब राजेश तलवार जेल के अंदर के अनुभवों को शेयर कर रहे थे तो दूसरी ओर नुपुर तलवार ने कहा, आज के दिन मुझे आरुषि बहुत याद आई। उन्होंने आरुषि के बचपन के बारे में बताया और कहा किस तरह से वे उसे अपनी मां के पास छोड़कर काम पर चली जाती थी।
राजेश तलवार ने कहा कि इस दौरान उन्हें लोगों का बहुत ही समर्थन मिला। जेल के अंदर भी कई लोगों ने उनका साथ दिया और जैसे ही वे बाहर आए लोगों की भीड़ ने उन्हें गले लगा लिया और कहा कि वे लोग बेकसूर थे।
मुझे उस सोसाइटी ने दोबारा अपना लिया, अब इस मैं फिर से इस दुनिया की हिस्सा हो जाऊंगा। लेकिन जेल के वे दिन बहुत ही कठिन थे, जब हमारी जमानत याचिका खारिज हुई तो हमने उम्मीद छोड़ दी। साल 2013 में अक्टूबर को तलवार दंपति को गाजियाबाद डासना जेल में बंद कर दिया गया था, चार साल बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया।