एक मिनट में कंधे तक भरा पानी, सैलाब में समा गए साथी; IAS कोचिंग सेंटर के छात्रों ने सुनाई आपबीती
दिल्ली के कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत के बाद जिंदा बचे छात्रों ने घटना के मंजर को याद करते हुए आपबीती सुनाई है। उन्होंने बताया की एक घंटे में कंधे तक बेसमेंट का पानी भर गया।
मैं गाजियाबाद का रहने वाला हूं। शनिवार रात का वह भयावह मंजर जिंदगी में शायद ही कभी भूल पाऊं। चंद मिनटों में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में ऐसा सैलाब आया कि मेरे दोस्तों की सांसें हमारी आंखों के सामने थम गई और हम कुछ नहीं कर पाए। छात्र ऋषभ ने बताया कि मैं अपने साथियों के साथ बेसमेंट की लाइब्रेरी में मौजूद था। बाहर बारिश हो रही थी, लेकिन हम पढ़ाई में व्यस्त थे। तभी अचानक जोरदार आवाज सुनाई दी और इसके पानी बेसमेंट में भरने लगा। हालात इतने बदतर हो गए कि निकलते वक्त गंदा पानी मुंह में भी चला गया। बाहर निकलने के दौरान कई बार फिसले। बेसमेंट की लाइट काट दी गई थी। अंधेरा होने से एक वक्त तो ऐसा लगा कि अब जान नहीं बचेगी। कुछ दिन पहले भी करंट लगने से यूपीएसी छात्र की मौत दिमाग में घूमने लगी, लेकिन हम किसी तरह बाहर निकल आए।
एक मिनट में कंधे तक पानी भर गया
छात्र जयदीप गौतम ने घटना के मंजर को याद करते हुए कहा कि हम लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे थे। अचानक शोर सुनाई दिया और पानी भरने की बात होने लगी। जल्द अपनी किताबों को समेटा और बाहर निकलने की तैयारी करने लगे। आगे की तरफ बैठे करीब 16-17 छात्र बाहर निकलने में कामयाब हो गए, लेकिन कई छात्र पीछे छूट गये। 20 सेकेंड में पानी कमर तक और एक मिनट में कंधे तक आ गया। इसी क्रम में शीशा टूटा और मुझे और अन्य लोगों के हाथ में चोट लगी। सदमे की वजह से कुछ समय तक बात करने की स्थिति में नहीं थे। फिर परिजनों को पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। सुबह तीनों सहपाठियों की मौत की जानकारी मिली। जब मानसकि स्थिति सामान्य हुई तो प्रदर्शन कर रहे साथियों का साथ देने के लिए आ गया।
मैं जिंदा बचे लोगों में शामिल हूं
छात्र हृदेश चौहान ने कहा, 'अपने साथियों के साथ बेसमेंट में मौजूद लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहा था। मैं इस दुखद और भयावह हादसे में जिंदा बचे लोगों में शामिल हूं। शाम को 6 बजकर 40 मिनट का समय हो रहा था। अचानक बेसमेंट में पानी भर गया। हमने तुरंत मदद के लिए पुलिस और अन्य एजेंसी को फोन किया लेकिन मदद पहुंचने तक रात 900 बजे का समय हो चुका था। तब तक तीन साथियों की मौत हो चुकी थी। अगर रेस्क्यू टीम आधा घंटे में आ जाती तो लोगों की जान बच सकती थी।'
एक वाहन की वजह से टूटा दरवाजा
39 सेकेंड का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि सड़क पर कमर तक पानी भरा हुआ है। ठेला वाला भी वहां फंसा है। तभी सड़क से एक जीप गुजरती है, जिसके पहिए पूरी तरह से डूबे हैं। जीप की रफ्तार थोड़ी अधिक होने की वजह से पानी का दबाव प्रभावित इमारत के दरवाजे पर पड़ता है। तेज दबाव के कारण दरवाजा टूट जाता है और पानी तेजी से भर गया।