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टीबी मरीजों के पुष्टाहार घोटाले की दोबारा जांच कराएगी यूपी सरकार

टीबी मरीजों के पुष्टाहार की राशि में हुए घोटाले की जांच शासन की ओर से दोबारा करने का फैसला लिया गया है। अब इस मामले की जांच गाजियाबाद के नोडल अधिकारी को सौंपी गई है। शासन ने उन्हें इस मामले की...

टीबी मरीजों के पुष्टाहार घोटाले की दोबारा जांच कराएगी यूपी सरकार
गाजियाबाद | अंजलि पाठकFri, 13 Sep 2019 12:32 PM
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टीबी मरीजों के पुष्टाहार की राशि में हुए घोटाले की जांच शासन की ओर से दोबारा करने का फैसला लिया गया है। अब इस मामले की जांच गाजियाबाद के नोडल अधिकारी को सौंपी गई है।

शासन ने उन्हें इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। गाजियाबाद के अलावा इस मामले में इटावा, अलीगढ़, कासगंज और एटा में भी जिले के नोडल अधिकारियों को नामित कर जांच करने का आदेश दिया गया है। अभी तक इस मामले की जांच सिर्फ राज्य टीबी अधिकारी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ही ओर से की जा रही थी।

खुलासा : टीबी मरीजों के पैसे अपने रिश्तेदारों के खातों में भी डाले गए

शासन की ओर से गाजियाबाद के नोडल अधिकारी डॉ. विकासेंदु अग्रवाल को इस मामले की जांच के लिए समिति का गठन कर जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में देने का आदेश दिया गया है। इस मामले पर राज्य टीबी अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता का कहना है कि इस मामले की शुरुआती जांच में एटा, अलीगढ़ और फिरोजाबाद में गड़बड़ी सामने आई है। सीडीओ जांच में जुट गए हैं।

महानिदेशक की ओर से इस मामले पर पहले भी सभी जिलों के सीएमओ और जिला क्षय रोग अधिकारियों को जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया था लेकिन तय समय के अंदर किसी भी जिले से रिपोर्ट बनाकर नहीं भेजी गई। रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है।

इन जिलों में भी जांच दोबारा होगी : गाजियाबाद के अलावा इस मामले की जांच के लिए शासन की ओर से डॉ. सुशील चतुर्वेदी को मथुरा का नोडल अधिकारी बनाया गया। इसके साथ ही एटा और कासगंज की जांच डॉ. राज कुमार को बतौर नोडल अधिकारी करने का आदेश दिया गया है। इसी तरह अलीगढ़ में डॉ. राजेंद्र प्रसाद और डॉ. संतोष गुप्ता को इटावा का नोडल अधिकारी नामित जांच करने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।

यह है मामला

आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने 26 अगस्त को मरीजों की आहार योजना में घपले की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। टीबी मरीजों को निशुल्क जांच के साथ ही उन्हें पुष्टाहार के लिए प्रति माह 500 रुपये की राशि देने की योजना निक्षय पोषण योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से बनाई गई थी। इस योजना के तहत निक्षय पोर्टल के जरिए एक अप्रैल 2018 से मरीजों के खातों में पांच सौ रुपये भेजे जा रहे थे। आधार कार्ड से जुड़ा न होने के कारण कुछ मरीजों ने एक जिले में नाम दर्ज होने के बावजूद प्रदेश के अन्य जिलों में जाकर अपना नाम दर्ज करा लिया और वहां से भी इस धनराशि का फायदा उठाया। यही नहीं कई आला अधिकारियों ने भी अपने रिश्तेदारों के अलग-अलग खातों में इन रुपयों को विभिन्न नामों से भेजा है।  

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