‘आप' विधायक से ठगी की कोशिश नाकाम, दो फर्जी CBI अफसर गिरफ्तार
‘आप' विधायक नरेश बाल्यान (Naresh Balyan) से सीबीआई अधिकारी बनकर ठगी की कोशिश करने वाले दो बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी विधायक के उत्तम नगर स्थित...

‘आप' विधायक नरेश बाल्यान (Naresh Balyan) से सीबीआई अधिकारी बनकर ठगी की कोशिश करने वाले दो बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी विधायक के उत्तम नगर स्थित ऑफिस से की गई है।
‘आप' विधायक ने आरोपियों के खिलाफ 4 नवंबर को शिकायत दी थी और मंगलवार दोपहर विधायक ने दोनों को अपने ऑफिस पर रुपये लेने बुलाया था, जहां पुलिस ने आरोपियों 20 वर्षीय दीपक और 28 वर्षीय सोनू को गिरफ्तार कर लिया। 4 नवंबर की शाम पुलिस उपायुक्त कार्यालय को दी शिकायत में ‘आप' विधायक नरेश बाल्यान ने बताया कि कुछ दिन पहले उनके ऑफिस पर दो युवक आए। दीपक नाम के युवक ने खुद को सीबीआई इंस्पेक्टर बताया व विधायक से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की बात कही। आरोपी ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में अपनी प्रॉपर्टी की कीमत बहुत काम बताई है, जिसके चलते उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
एक करोड़ मांगे : आरोपियों ने मामला रफा-दफा करने को विधायक से एक करोड़ रुपये मांगे। हालांकि, सौदा 50 लाख रुपये में तय हुआ। विधायक ने उन्हें एडवांस 10 लाख रुपये लेने 5 नवंबर को अपने कार्यालय बुलाया, जहां से पुलिस ने दोनों को दबोच लिया। आरोपियों के पास से सीबीआई के फर्जी आईडी कार्ड बरामद हुए। आरोपी दीपक अहमद नगर महाराष्ट्र का रहने वाला है। वह दिल्ली के लक्ष्मी नगर में पीजी में रहकर साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई कर रहा है, जबकि सोनू पालम कॉलोनी में रहता है। वह डीयू का छात्र है।
जालसाजी के मामले में पूर्व एसडीएम गिरफ्तार
नई दिल्ली (प्रमुख संवाददाता) | दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने 250 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन अवैध तरीके से निजी लोगों को बेचने के मामले में एक पूर्व एसडीएम सहित तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया है।
एसीबी के विशेष आयुक्त अरविंद दीप का कहना है कि जमीन 35 बीघा 11 विसवा है। गिरफ्तार आरोपियों में रमेश कुमार पूर्व एसडीएम, सुरेंद्र कुमार (पूर्व तहसीलदार) व मंजीत सिंह (पूर्व कानूनगो) शामिल हैं। रमेश राजौरी गार्डन में तैनात रह चुके हैं।
बताया गया कि 4 जुलाई 2019 को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के थाने में दिल्ली सरकार में कार्यरत तहसीलदार राजेंद्र मिंज की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था। जांच में पाया गया कि जिन दिनों रमेश कुमार राजौरी गार्डन के एसडीएम थे, उन्होंने ततारपुर गांव स्थित 35 बीघा 11 विसवा जमीन निजी लोगों के नाम कर दी थी।यह जमीन दिल्ली परिवहन निगम और डीएमआरसी की थी।