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गैंगस्टर से हथियार लेकर बेचने वाले श्रम मंत्रालय कर्मी समेत 2 दबोचे, फर्जी लाइसेंस पर हथियारों की बिक्री के नेटवर्क का भंडाफोड़

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो यूपी के गैंगस्टर से हथियार लेकर दिल्ली के बदमाशों को बेचता था। पुलिस के मुताबिक, आरोपी इंसारखान श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में जूनियर...

गैंगस्टर से हथियार लेकर बेचने वाले श्रम मंत्रालय कर्मी समेत 2 दबोचे, फर्जी लाइसेंस पर हथियारों की बिक्री के नेटवर्क का भंडाफोड़
नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता Mon, 10 Aug 2020 09:02 PM
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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो यूपी के गैंगस्टर से हथियार लेकर दिल्ली के बदमाशों को बेचता था। पुलिस के मुताबिक, आरोपी इंसारखान श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में जूनियर सांख्यिकी अधिकारी है। वह यूपी के बागपत के बकरपुर बलेनी गांव का रहने वाला है। उसके पास से कोलकाता की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनाई गई 0.32 बोर की ऑटोमैटिक पिस्टल, पांच कारतूस और एक मैगजीन बरामद हुई है।

आरोपी ने बागपत के एक हिस्ट्रीशीटर दीपक से पिस्टल ली थी। दीपक अभी फरार है। दीपक ने यह पिस्टल हरियाणा के करनाल निवासी पारस चोपड़ा के चोपड़ा गन हाउस से खरीदी थी। क्राइम ब्रांच ने फर्जी लाइसेंस पर हथियार बेचने के मामले में पारस को भी गिरफ्तार कर लिया है।

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डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि सूचना मिली कि एक व्यक्ति उत्तर प्रदेश से हथियार लेकर दिल्ली के बदमाशों को बेचने के लिए आएगा। सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम ने इंडिया गेट के पास तिलक मार्ग से आरोपी इंसार खान को दबोच लिया। पूछताछ में उसने बताया कि यह पिस्टल उसने हिस्ट्रीशीटर दीपक से ली थी। वह फर्जी आर्म्स लाइसेंस के जरिये गन हाउस से ऑटोमैटिक पिस्टल खरीदता है। इसके बाद पुलिस ने दीपक के घर से 14 कारतूस और पिस्टल की एक मैगजीन बरामद की। हालांकि, दीपक पुलिस को नहीं मिला। दीपक यूपी में विभिन्न आपराधिक मामलों में शामिल है। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने इस मामले में फर्जी लाइसेंस पर पिस्टल बेचने वाले हरियाणा के करनाल के चोपड़ा गन हाउस संचालक पारस चोपड़ा को गिरफ्तार कर लिया। वह ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनाए गए हथियारों को फर्जी हथियारों के लाइसेंस पर अपराधियों को बेच रहा था।

फर्जी लाइसेंस पर हथियार खरीदते थे

इंसार के पास से बरामद पिस्टल भी पारस चोपड़ा ने हिस्ट्रीशीटर दीपक को बेची थी। पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि हिस्ट्रीशीटर उत्तर प्रदेश और हरियाणा में विभिन्न गन हाउसों से फर्जी लाइसेंस पर हथियार खरीदते थे। पारस हथियार लाइसेंस के सत्यापन के बिना ही बेच देता था। हथियार खरीदारों का सही रिकॉर्ड भी बनाकर नहीं रखता था। पूछताछ में इंसार खान ने बताया कि कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) नई दिल्ली द्वारा आयोजित आशुलिपिक की परीक्षा के बाद उसकी नौकरी श्रम और रोजगार मंत्रालय में लगी थी। वह सोचता था कि सरकारी नौकरी में है, तो कोई उस पर संदेह नहीं करेगा। 

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