टूलकिट केस : शुभम कर चौधरी की अग्रिम जमानत पर सुनवाई मंगलवार तक टली
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 'टूलकिट' मामले (Toolkit Case) में आरोपी पर्यावरण एक्टिविस्ट शुभम कर चौधरी (Shubham Kar Chaudhari) की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई मंगलवार तक के लिए...
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 'टूलकिट' मामले (Toolkit Case) में आरोपी पर्यावरण एक्टिविस्ट शुभम कर चौधरी (Shubham Kar Chaudhari) की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी। अदालत ने कहा कि तब तक चौधरी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाएगी। हालांकि, शांतनु और निकिता जैकब की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई जारी है।
जानकारी के अनुसार, पटियाला हाउस कोर्ट ने बीते शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि शुभम कर चौधरी के खिलाफ 15 मार्च तक कोई कठोर कार्रवाई न करे। चौधरी ने किसान आंदोलन से जुड़ी 'टूलकिट' मामले में अग्रिम जमानत की मांग करते हुए गुरुवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा बेंच ने पहले उन्हें 12 मार्च तक गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी, ताकि वह दिल्ली की अदालत का रुख सकें, जहां उनके खिलाफ आईपीसी धारा 124 ए (राजद्रोह), 153 ए (दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 120 बी ( आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने शुक्रवार को चौधरी की अग्रिम जमानत पर सुनवाई करते हुए पुलिस को यह आदेश दिया था। इसी अदालत ने इससे पहले शांतनु मुलुक और निकिता जैकब की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाकर 15 मार्च तक गिरफ्तारी से राहत दी है।
Toolkit Case: Patiala House Court adjourns hearing in activist Shubham kar Choudhari's anticipatory bail application till tomorrow. No coercive action to be taken till then, says court. However Court continues the hearing in the anticipatory bail plea of Shantanu and Nikita Jacob
— ANI (@ANI) March 15, 2021
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने इससे पहले एक मामले में बेंगलुरु की पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि को नियमित जमानत दे दी थी। कथित तौर पर 22 वर्षीय दिशा रवि को किसान आंदोलन से जुड़ा 'टूलकिट' डॉक्यूमेंट फाइल बनाने और शेयर करने के संबंध में बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था। वह 'टूलकिट' के निर्मातों में से एक थी।
3 फरवरी को स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने एक ट्वीट में इस 'टूलकिट' को शेयर कर दिया था, जिसे कुछ समय बाद उन्होंने डिलीट कर दिया था। ग्रेटा थनबर्ग ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन किया था।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, स्वीडिश पर्यावरण एक्टिविस्ट द्वारा शेयर किए गए 'टूलकिट' ने 26 जनवरी 2021 को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में एक प्रमुख भूमिका निभाई, जिससे सैकड़ों पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पुलिस ने कहा कि 'टूलकिट' सिर्फ भारत में मुट्ठी भर कार्यकर्ताओं द्वारा नहीं बल्कि खालिस्तानी संगठनों के सहयोग से बनाया गया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 'टूलकिट' बनाने और शेयर करने के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की और कहा कि भारत को बदनाम करने के लिए एक 'अंतरराष्ट्रीय साजिश' को उजागर करने के लिए जांच जारी है।