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टूलकिट केस : वकील निकिता जैकब, इंजीनियर शांतनु मुलुक से दिल्ली पुलिस कर रही पूछताछ

'टूलकिट' मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस सोमवार को द्वारका स्थित साइबर सेल के ऑफिस में आरोपी वकील निकिता जैकब और इंजीनियर शांतनु मुलुक से पूछताछ कर रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस...

टूलकिट केस : वकील निकिता जैकब, इंजीनियर शांतनु मुलुक से दिल्ली पुलिस कर रही पूछताछ
नई दिल्ली। भाषाMon, 22 Feb 2021 04:44 PM
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'टूलकिट' मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस सोमवार को द्वारका स्थित साइबर सेल के ऑफिस में आरोपी वकील निकिता जैकब और इंजीनियर शांतनु मुलुक से पूछताछ कर रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया।

दिल्ली पुलिस किसान आंदोलन के समर्थन में पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर किए गए 'टूलकिट' गूगल डॉक्यूमेंट की जांच कर रही है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु की कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया था, जबकि शांतनु मुलुक को एक अदालत ने अग्रिम जमानत दे दी थी।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि निकिता जैकब और मुलुक को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस दिए गए थे और 'टूलकिट' मामले में उनकी कथित भूमिका के संबंध में फिलहाल उनसे पूछताछ की जा रही है। 

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गौरतलब है कि एक निचली अदालत ने दिशा रवि की पांच दिनों की पुलिस रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद शुक्रवार को को तीन दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। दिशा को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने पिछले शनिवार 13 फरवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। दिशा पर राजद्रोह और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

दिशा रवि खालिस्तान समर्थकों के संपर्क में थी : दिल्ली पुलिस 

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने शनिवार को दिशा रवि की जमानत याचिका का विरोध करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट में आरोप लगाया था कि वह खालिस्तान समर्थकों के साथ यह दस्तावेज (टूलकिट) तैयार कर रही थी। साथ ही, वह भारत को बदनाम करने और किसानों के प्रदर्शन की आड़ में देश में अशांति पैदा करने की वैश्विक साजिश का हिस्सा थी।

पुलिस ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के समक्ष कहा था कि यह महज एक 'टूलकिट' नहीं है। इसका असली मंसूबा भारत को बदनाम करने और देश में  अशांति पैदा करने का था। दिल्ली पुलिस ने यह आरोप लगाया कि दिशा ने वॉट्सऐप पर हुई चैट, ईमेल और अन्य साक्ष्य मिटा दिए तथा वह इस बात से अवगत थी कि उसे किस तरह की कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

पुलिस ने अदालत के समक्ष दलील दी कि यदि दिशा ने कोई गलत काम नहीं किया था, तो उसने अपने संदेशों को क्यों छिपाया और साक्ष्य मिटा दिए। पुलिस ने आरोप लगाया कि इससे उसका नापाक मंसूबा जाहिर होता है। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि वह भारत को बदनाम करने, किसानों के प्रदर्शन की आड़ में अशांति पैदा करने की वैश्विक साजिश के भारतीय चैप्टर का हिस्सा थी। वह 'टूलकिट' तैयार करने और उसे साझा करने को लेकर खालिस्तान समर्थकों के संपर्क में थी। 

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