IED बम में अमोनियम नाइट्रेट और RDX संग टाइमर का किया गया था इस्तेमाल, NSG ने दिल्ली पुलिस को सौंपी रिपोर्ट
राजधानी दिल्ली में गाजीपुर फूल मंडी (Ghazipur Flower Market) से 14 जनवरी को बरामद किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने सोमवार को...

राजधानी दिल्ली में गाजीपुर फूल मंडी (Ghazipur Flower Market) से 14 जनवरी को बरामद किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने सोमवार को अपनी एक रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 3 किलोग्राम के IED में अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स के साथ एक टाइमर डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था। दिल्ली पुलिस ने आज इस बारे में जानकारी दी।
विस्फोटक की गोपनीय डिटेल एनालिसिस के बाद केमिकल रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को उसी दिन बाद में सौंप दी गई थी, जब एनएसजी के बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) ने इसे डिफ्यूज करने के तुरंत बाद इसके नमूने एकत्र किए थे।
जांच की जानकारी रखने वाले एनएसजी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएनआई को बताया कि गाजीपुर से बरामद आईईडी में अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स के साथ एक टाइमर डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था।
एनएसजी अधिकारी ने कहा कि हमारी बीडीएस टीम ने उसी दिन रिपोर्ट तैयार की और विस्फोटक से सभी निष्कर्षों का उल्लेख करते हुए दिल्ली पुलिस को सौंप दी। आगे की कार्रवाई दिल्ली पुलिस द्वारा की जाएगी क्योंकि वही इस मामले की जांच कर रही है कि विस्फोटक सामग्री भीड़-भाड़ वाली जगह पर कैसे पहुंची।
एनएसजी के महानिदेशक एमए गणपति ने भी इस बात पुष्टि करते हुए बताया कि आईईडी में अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स पाया गया था। आईईडी की विश्लेषण रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंप दी गई है।
जानकारी के अनुसार, गाजीपुर फूल मंडी में एक लावारिस बैग के अंदर टेप से लिपटे आईईडी मिला था। यह आईईडी वहां किसने रखा था अभी इसका पता नहीं चल सका है। आरोपी का सुराग लगाने के लिए दिल्ली पुलिस गाजीपुर में जहां विस्फोटक मिला था, उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है।
गणतंत्र दिवस से पहले हुई इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस और सतर्क हो गई है और भीड़भाड़ वाले स्थानों और बाजारों में गश्त बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीमें इस मामले में संदिग्धों का सुराग तलाशने के लिए जांच में जुटी हैं।
A timer device with Ammonium Nitrate and RDX was used in the Improvised Explosive Devise (IED) recovered from Ghazipur Flower Market on January 14: NSG in its report submitted to Delhi Police
— ANI (@ANI) January 17, 2022
वहीं, कश्मीर में सक्रिय अलकायदा से जुड़े एक आतंकवादी संगठन ने पिछले हफ्ते गाजीपुर फूल मंडी में आईईडी लगाने की जिम्मेदारी ली है। संगठन ने दावा किया कि तकनीकी गड़बड़ी के कारण गाजीपुर में विस्फोटक नहीं फटा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी योजना विफल हो गई है।
पाक से भारत में तस्करी कर लाए गए विस्फोटकों की खेप का हिस्सा था आईईडी
हालांकि, खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यह आईईडी उन विस्फोटकों की खेप का हिस्सा था, जिन्हें पाकिस्तान से भारत में तस्करी कर लाया गया था। इसके साथ ही इसमें स्लीपर सेल का हाथ होने की भी पूरी संभावना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने पाया है कि गाजीपुर में टेप से लिपटे आईईडी वाले बैग को स्लीपर सेल द्वारा लगाया गया था। बरामद किए गए विस्फोटकों का वजन लगभग 1.5 किलोग्राम था, जिसमें आरडीएक्स और अमोनियम नाइट्रेट दोनों थे और उनमें उच्च तीव्रता वाले विस्फोट की संभावना थी। यह उम्मीद है कि इस तरह के बम स्लीपर सेल के नेटवर्क के माध्यम से चुनाव वाले राज्यों में पहुंचाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में पंजाब पुलिस द्वारा विस्फोटकों की बरामदगी सिर्फ इस कड़ी का एक सिरा है। अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन गतिविधियों में वृद्धि हुई है, कई बार ड्रोन विस्फोटकों को गिराने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, विशेष रूप से टिफिन बम जिनका पता नहीं चल पाता है और उनका इस्तेमाल कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के लिए चुनाव से पहले या चुनाव के दौरान आतंकवादी गतिविधियों में किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि लुधियाना विस्फोट में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था और फिर से हमें दिल्ली के गाजीपुर में आरडीएक्स मिला। यह पाकिस्तान से आई एक खेप का हिस्सा जैसा प्रतीत होता है, जो स्लीपर सेल के माध्यम से दिल्ली पहुंचा है। खुफिया एजेंसियां इस सिंडिकेट में शामिल संदिग्धों को ट्रैक कर रही हैं। हमने यूपी एटीएस के साथ भी जानकारी साझा की है।