ATM से रुपये निकाल रहे लोगों का बना लेते थे वीडियो, फिर करते थे ये काम
अगर आप किसी एटीएम से रुपये निकाल रहे हैं तो सतर्क रहें, क्योंकि ठग आपके एटीएम कार्ड की सूचनाएं हासिल करने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रहे हैं। दिल्ली मेट्रो पुलिस ने 12 फरवरी को राजीव चौक...
अगर आप किसी एटीएम से रुपये निकाल रहे हैं तो सतर्क रहें, क्योंकि ठग आपके एटीएम कार्ड की सूचनाएं हासिल करने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रहे हैं।
दिल्ली मेट्रो पुलिस ने 12 फरवरी को राजीव चौक मेट्रो स्टेशन से तीन शातिरों को पकड़ा है। ये एटीएम से रुपये निकाल रहे शख्स के कार्ड की जानकारी और पासवर्ड हासिल करने के लिए बूथ के बाहर खड़े होकर उसका वीडियो बना लेते थे। बाद में ये स्किमर और अन्य डिवाइस की मदद से कार्ड की क्लोनिंग कर रुपये निकाल लेते थे। इनसे 11 एटीएम कार्ड, स्किमर एवं लैपटॉप बरामद किए गए हैं। आरोपी पांच लाख रुपये ठग चुके हैं। डीसीपी दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया, मुखर्जी नगर निवासी छात्रा दीक्षा पंवार ने 9 फरवरी को शिकायत दी थी। पीड़िता ने बताया कि वह 6 फरवरी को मुखर्जी नगर जा रही थी। इस दौरान उसने कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन स्थित एटीएम से रुपये निकाले। अगले दिन उसके खाते से एक लाख रुपये से अधिक निकाल लिए गए। मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच स्पेशल स्टाफ प्रभारी राममेहर की टीम को सौंपी गई।
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सीसीटीवी फुटेज से सुराग मिला : पुलिस ने कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन के एटीएम की सीसीटीवी फुटेज खंगाली। इससे पता चला कि तीन युवकों ने छात्रा के पीछे एटीएम के दरवाजे के बाहर खड़े होकर वीडियो बना लिया था। इसके बाद पुलिस ने इनकी फोटो आसपास के थानों और व्हाट्सएप ग्रुप में भेजी। 12 फरवरी को पुलिस को सूचना मिली कि तीनों युवक राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर खड़े हैं। इसके बाद पुलिस ने तीनों को धर दबोचा। आरोपियों की पहचान बिहार निवासी नवीन, नीतीश और मुकेश के तौर पर हुई। नवीन, नीतीश का साला है और मुकेश का चचेरा भाई है।
इस तरह कार्ड की जानकारी हासिल करते थे
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि जब कोई व्यक्ति एटीएम कार्ड का प्रयोग कर रहा होता था तो ये लोग मोबाइल का वीडियो कैमरा जूम में करके उसका डाटा और पासवर्ड चुरा लेते थे। फिर एटीएम कार्ड और स्किमर डिवाइस के जरिए कार्ड की क्लोनिंग कर रुपये निकाल लेते थे। आरोपियों को बीते साल नवादा में विक्रम नाम का युवक मिला था। उसने ही इन्हें एटीएम क्लोनिंग की यह तकनीकी सिखाई थी। साथ ही जरूरी डिवाइस और सॉफ्टवेयर भी दिए थे। इनके खिलाफ एक दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं।