इस राज्य में तबाही देख पिघला जेल में बंद सुकेश का दिल, की करोड़ों रु की मदद की पेशकश; CM को लिखा पत्र
शातिर ठग सुकेश चंद्रशेखर और उसकी पत्नी कथित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग और कई लोगों को धोखा देने के आरोप में जेल में बंद हैं। बता दें कि 30 जुलाई को वायनाड में हुए भूस्खलन के कारण 226 लोगों की मौत हो गई थी।
दिल्ली की मंडोली जेल में बंद शातिर ठग सुकेश चंद्रशेखर का दिल केरल के वायनाड में भूस्खलन से हुई तबाही के बारे में जानकर पसीज गया है। जिसके बाद उसने मदद के लिए राज्य सरकार को 15 करोड़ रुपए देने के साथ ही प्रभावितों के लिए 300 घर बनाने की पेशकश की है और इस बारे में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को एक पत्र भी लिखा है। जिसमें उसने भूस्खलन के बाद मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में 15 करोड़ रुपए देते हुए उसे स्वीकार करने का अनुरोध किया है।
सुकेश चंद्रशेखर फिलहाल मंडोली जेल में बंद है और उसका कहना है कि वह केरल की स्थिति को देखकर बहुत दुखी है और इस जरूरत के समय में वहां के लोगों की सहायता करना चाहता है। उसके वकील अनंत मलिक ने पुष्टि की कि पत्र चंद्रशेखर द्वारा लिखा गया था।
सुकेश ने अपने पत्र में लिखा, 'मैं आज अपने फाउंडेशन की ओर से मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष के लिए 15 करोड़ रुपए का अपना योगदान स्वीकार करने का अनुरोध करता हूं... आज किए जा रहे इस योगदान के अलावा मैं प्रभावितों के लिए तत्काल आधार पर 300 घर बनाने के लिए भी मैं अपनी तरफ से जरूरी योगदान दूंगा।'
चंद्रशेखर ने अपनी तरफ से बताया कि यह योगदान वैध व्यावसायिक खातों से था, साथ ही उसने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि वह इस प्रस्ताव को स्वीकार करे और भूस्खलन त्रासदी से प्रभावित लोगों के कल्याण और पुनर्वास के लिए इसका उपयोग करे। केरल सरकार ने अभी तक चंद्रशेखर के पत्र का जवाब नहीं दिया है।
शातिर ठग और उसकी पत्नी कथित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग और कई लोगों को धोखा देने के आरोप में जेल में बंद हैं। बता दें कि 30 जुलाई को वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों में हुए विनाशकारी भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 226 हो गई है। स्थानीय प्रशासन द्वारा बुधवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, एक सप्ताह से अधिक समय पहले उत्तरी केरल के वायनाड जिले में हुए भीषण भूस्खलन के बाद से 138 लोग लापता भी हैं।
इस बीच, भूस्खलन प्रभावित चूरलमाला और मुंडक्कई क्षेत्रों से लापता लोगों की तलाश नौवें दिन भी जारी रही, जिसमें सेना और नौसेना सहित विभिन्न बलों के 1,026 कर्मियों, 500 से अधिक स्वयंसेवकों और भारी मशीनरी को वहां तैनात किया गया है।