सुप्रीम कोर्ट पहुंचा दिल्ली-एनसीआर में कुत्तों के आतंक का मामला, CJI करेंगे समस्या पर विचार
दिल्ली-एनसीआर में तेजी से बढ़ते आवारा कुत्तों के आतंक का मामला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। एक वकील पट्टी बांधे अदालत पहुंचे तो चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने उनसे इसकी वजह पूछी।

दिल्ली-एनसीआर में तेजी से बढ़ते आवारा कुत्तों के आतंक का मामला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। एक वकील पट्टी बांधे अदालत पहुंचे तो चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने उनसे इसकी वजह पूछी। वकील ने बताया कि पांच आवारा कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर गहरी चिंता जताई।
चीफ जस्टिस ने वकील से कहा कि यदि उन्हें किसी तरह की मेडिकल उपचार की जरूरत है तो बताएं। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री के अधिकारियों को समुचित निर्देश दिया जाएगा। वहीं, जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने भी कहा कि आवारा कुत्ते की समस्या काफी गंभीर है। इस बीच देश के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गाजियाबाद में कुत्ता काटने के चलते एक बच्चे की मौत होने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कुत्ते के काटने से बच्चे में रैबीज संक्रमण हो गया था और बाद में उसकी मौत हो गई।
आग्रह पर विचार करेंगे
वरिष्ठ वकील विजय हंसरिया ने सुप्रीम कोर्ट से कुत्तों की समस्याओं पर स्वत संज्ञान लेकर उचित समाधान के लिए आदेश पारित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस मसले पर अलग-अलग उच्च न्यायालयों के आदेशों/फैसले से भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि वह इस आग्रह पर विचार करेंगे।
नसबंदी के बाद छोड़े जा रहे कुत्ते
वहीं, राजधानी में आवारा कुत्तों को पकड़ने के मामले में डॉग के लिए काम करने वाली संस्थाएं व सामाजिक कार्यकर्ता लगातार निगम पर सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं, सोमवार को निगम प्रशासन ने बयान जारी करते हुए कहा कि लावारिस कुत्तों को नसबंदी करने, इंजेक्शन लगाने और निगरानी के लिए उठाए जाने के बाद, उनके निर्धारित स्थान पर वापिस छोड़ दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को निगम नियमों के तहत ही पूरा करता है। निगम लावारिस कुत्तों के कल्याण के प्रति सतर्क है।
