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मानव तस्करी और सेक्स रैकेट मामले में सोनू पंजाबन ने 24 साल जेल की सजा को दिल्ली हाईकोर्ट में दी चुनौती

दिल्ली की एक अदालत से मानव तस्करी और सेक्स रैकेट मामले में 24 साल कैद की सजा पाने वाली गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन ने अपनी सजा को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है।  जस्टिस मनोज कुमार...

मानव तस्करी और सेक्स रैकेट मामले में सोनू पंजाबन ने 24 साल जेल की सजा को दिल्ली हाईकोर्ट में दी चुनौती
नई दिल्ली। लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 26 Aug 2020 04:18 PM
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दिल्ली की एक अदालत से मानव तस्करी और सेक्स रैकेट मामले में 24 साल कैद की सजा पाने वाली गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन ने अपनी सजा को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। 

जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की एकल पीठ ने बुधवार को सोनू पंजाबन की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा और इस मामले को 9 अक्टूबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

सोनू पंजाबन ने वकील आर.एम. तुफैल और आस्था के माध्यम से दायर अपनी याचिका में मामले में उसे दोषी ठहराते हुए ट्रायल कोर्ट का फैसला टालने की मांग की है।

दिल्ली के द्वारका की एक कोर्ट ने 16 जुलाई को सोनू पंजाबन को अपहरण और मानव तस्करी के मामले में दोषी ठहराया था और उसे 24 साल कैद की सजा सुनाते हुए कहा था कि उसने एक महिला कहलाने के लिए सभी हदें पार कर दी हैं और वह कठोर सजा की हकदार है।

गौरतलब है कि नाबालिग लड़की के अपहरण, बलात्कार, बाल तस्करी और रैकेट जैसे गंभीर अपराधों में दोषी ठहराई गई सोनू पंजाबन और उसके साथी संदीप बेदवाल को दिल्ली की एक अदालत ने जुलाई महीने में 24 साल जेल की सजा सुनाई थी। वहीं, संदीप को 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। सोनू पंजाबन को पहले मामले में सजा मिली है।

द्वारका स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रीतम सिंह की अदालत ने सोनू पंजाबन पर 64 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। संदीप बेदवाल पर 65 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि बच्ची ने इन अभियुक्तों की कैद में जो बर्दाश्त किया वह असहनीय था। यह मासूम बच्ची स्कूल जाने और खेलने की उम्र में ना जाने कितनी जगह बेची गई। कितनी बार बलात्कार हुआ। सोनू पंजाबन ने खुद एक औरत होते हुए ऐसे जुर्म किए जिसे सुनकर व्यक्ति की रुह कांप जाए।

पीड़ित की आपबीती सुन भावुक हुआ माहौल 

देह व्यापार कराने के लिए लड़की को तरह-तरह के नशे दिए जाते थे, ताकि वह ग्राहक के सामने विरोध ना करे। उसमें डर बैठाने के लिए उसके निजी अंगों और मुंह पर मिर्च लगाई जाती थी। यह सब खुद सोनू पंजाबन करती थी। अदालत ने यह भी कहा कि लड़की ने जब कोर्ट रूम में आपबीती सुनाई तो वहां उपस्थित न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े लोग भावुक हो गए। अदालत ने कहा कि ऐसा जुर्म करने वाले लोगों को समाज के बीच रहने का अधिकार नहीं है। इन्हें जेल की सलाखों के पीछे ही रखना उचित है। 

प्रेमजाल में फंसाकर किया बलात्कार

अभियुक्त संदीप बेदवाल लड़की को प्रेम जाल में फंसाकर जन्मदिन मनाने के बहाने वर्ष 2009 में लक्ष्मी नगर में रहने वाली सीमा आंटी के यहां लेकर गया था। वहां उसने बलात्कार किया और फिर सीमा आंटी को बेच दिया। इसके बाद तो लड़की लगातार बिकती रही। खरीद-फरोख्त के बीच वह सोनू पंजाबन तक पहुंची। सोनू पंजाबन ने बेरहमी की और इसे नशीला पदार्थ खिलाकर देह व्यापार के कारोबार में धकेल दिया। यहां भी चैन नहीं आया तो उसे कई जगह बेच डाला। सालों बाद वर्ष 2014 में लड़की मौका पाकर भाग खड़ी हुई और नजफगढ़ थाने पहुंची। जहां उसने आपबीती बताई। इसके बाद लड़की की काउंसिलिंग की गई। 

सोनू पंजाबन ने दिया था परिवार का हवाला 

सोनू पंजाबन ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के समक्ष अपने पारिवार की हालात का रोना रोते हुए बताया था कि उसका एक नाबालिग बेटा है। उसके पति की हत्या हो चुकी है। पिता की भी मौत हो चुकी है। घर में एक बुजुर्ग मां है और दो भाई हैं। उनमें से एक घर छोड़कर चला गया है और दूसरे को एड्स की बीमारी है। पूरे परिवार का जिम्मा उसके ही कंधों पर है। अदालत ने सोनू पंजाबन की दलीलों को खारिज करते हुए कहा था कि उसके कृत्य इतने घिनौने हैं कि परिवार जैसे शब्द उसके मुंह से उचित नहीं लगते। अदालत ने कहा था कि अभियोजन से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, बाल तस्करी व देह व्यापार के उसके खिलाफ ना जाने कितने मामले हैं। उसकी दलीलें बेमतलब की हैं। वहीं अदालत ने अभियुक्त संदीप की दलीलों को भी खारिज कर दिया।

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