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ग्रेटर नोएडा में बैकलीज की जांच करेगी एसआईटी, यूपी सरकार ने दी मंजूरी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में 10 साल में हुए बैकलीज के मामलों की जांच के लिए शासन ने एसआईटी (स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम) गठित कर दी है। आठ सदस्यीय टीम का अध्यक्ष यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह को...

ग्रेटर नोएडा में बैकलीज की जांच करेगी एसआईटी, यूपी सरकार ने दी मंजूरी
नई दिल्ली | वरिष्ठ संवाददाताSat, 16 Feb 2019 12:40 PM
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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में 10 साल में हुए बैकलीज के मामलों की जांच के लिए शासन ने एसआईटी (स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम) गठित कर दी है। आठ सदस्यीय टीम का अध्यक्ष यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह को बनाया गया है। बैकलीज के मामलों की जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। प्राधिकरण में अब तक 5 हजार से अधिक बैकलीज हुई हैं। 

बसपा व सपा शासनकाल में ग्रेटर नोएडा में आबादी की बैक लीज करने में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन चेयरमैन डॉ. प्रभात कुमार ने पिछले यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के नेतृत्व में कमेटी बनाकर बिसरख गांव के बैकलीज के 10 मामलों की जांच कराई थी। सीईओ ने पिछले 24 सितंबर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। बिसरख के 10 में से आठ में गड़बड़ी मिली थी। दिल्ली-मुंबई के लोगों ने फर्जी कागज लगाकर अपने को बिसरख का निवासी बना लिया। इसी आधार पर बैकलीज हो गई। इसके बाद 5 नवंबर 2018 को शासन को पत्र लिखकर ग्रेटर नोएडा में लीजबैक के सभी प्रकरणों की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की सिफारिश की थी। अब शासन ने एसआईटी गठित कर दी है। 

अपर मुख्य सचिव व यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि शासन ने विशेष जांच कमेटी गठित कर दी है। इसके अध्यक्ष यमुना प्राधिकरण क सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह हैं। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ केके गुप्त, नोएडा के एसीईओ आरके मिश्र, नोएडा प्राधिकरण के मुख्य विधि अधिकारी, एडीएम (भू अध्याप्ति), यमनुा प्राधिकरण के जीएम केके सिंह, नोएडा के मुख्य वास्तुविद नियोजक एससी गौड़ व यमुना प्राधिकरण के ओएसडी वीके गुप्त को कमेटी में शामिल किया गया है। अब कमेटी जल्द इसकी जांच शुरू करेगी। 

आंदोलन के बाद शुरू हुई थी बैक लीज

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कई किसानों की कृषि जमीन के साथ ही आबादी की जमीन अधिग्रहित कर ली थी। उसे वापस पाने के लिए किसानों ने आंदोलन किया। शासन के निर्देश एक किसान को 3 हजार वर्ग मीटर तक जमीन देने का निर्णय लिया गया। इस प्रावधान की आड़ में तमाम बाहरी लोगों को लीज बैक कर दिया गया।

नेता व अफसर भी जांच के दायरे में

एसआईटी की जांच के दायरे में बसपा व सपा शासनकाल में हुई पांच हजार से अधिक बैकलीज आ गई हैं। जांच के लपेटे में दोनों पार्टियों के कई नेताओं और अफसरों के नाम भी सामने आ सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि अफसरों व नेताओं के इशारे में लीजबैक हुई है। 

बिसरख गांव में लीज बैक में मिली गड़बड़ी के बाद सरकार से एसआईटी गठित करने की सिफारिश की थी। अब शासन ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। -डॉ. प्रभात कुमार, अपर मुख्य सचिव व चेयरमैन यमुना प्राधिकरण 

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