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सिंघु बॉर्डर लिंचिंग पर अनुसूचित जाति आयोग बयान, प्रदर्शन स्थल पर होनी वाली हर घटना के लिए किसान ही जिम्मेदार

Singhu Border Lynching : सिंघु बॉर्डर पर हुए नृशंस हत्याकांड पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes) ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। आयोग के अध्यक्ष...

सिंघु बॉर्डर लिंचिंग पर अनुसूचित जाति आयोग बयान, प्रदर्शन स्थल पर होनी वाली हर घटना के लिए किसान ही जिम्मेदार
नई दिल्ली। एजेंसियां Sat, 16 Oct 2021 03:21 PM

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Singhu Border Lynching : सिंघु बॉर्डर पर हुए नृशंस हत्याकांड पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes) ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला (Vijay Sampla) ने शनिवार को कहा कि किसान नेताओं ने पूरी तरह से इस घटना से पल्ला झाड़ लिया है, लेकिन यह सही नहीं है। अगर आरोपी 10 महीने से उनके साथ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके साथ रह रहे हैं, तो वे उसी आंदोलन का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर उन्होंने उसे फांसी पर लटकाया, वह भी किसानों के मंच के पास है। वहां जो भी घटना होती है उसके लिए वे (किसान) ही जिम्मेदार होते हैं। उनकी भूमिका अपराधियों की तरह ही है।

सांपला ने बताया कि सिंघु बॉर्डर हत्याकांड को लेकर दलित समाज के विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग आज मुझसे मिले। हम पहले ही डीजीपी हरियाणा, मुख्य सचिव को इस पर सख्त कार्रवाई करने के लिए नोटिस भेज चुके हैं और फैक्स के माध्यम से रिपोर्ट भी मांगी है।

जानकारी के अनुसार, सिंघु बॉर्डर पर स्थित किसानों के प्रदर्शन स्थल के नजदीक एक दलित व्यक्ति की पीट-पीट कर नृशंस हत्या के मामले में करीब 15 दलित संगठनों ने शनिवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को एक ज्ञापन सौंपकर दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। पंजाब के तरन तारन जिले के निवासी लखबीर सिंह (35) का पुलिस बैरिकेड से बंधा शव उस मंच के पास मिला जिसे दस महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने तैयार कर रखा है। उसके शरीर पर धारदार हथियार के वार से बने करीब 10 निशान थे। इस घटना के लिए निहंगों के एक समूह को जिम्मेदार बताया जा रहा है।

अखिल भारतीय खटीक समाज, अखिल भारतीय बेरवा विकास संघ, धनक कल्याण संघ और दलित कर्मचारियों और पेशेवरों के अन्य संगठनों समेत 15 दलित सगंठनों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला को ज्ञापन सौंपा।

उन्होंने आयोग से इस मामले की निष्पक्ष जांच होने और दोषियों को कड़ी सजा सुनिश्चित करने की मांग की। राजनीतिक पार्टियों ने इस घटना की निंदा की और व्यापक जांच की मांग की। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि यह घटना ये बताती है कि अराजकतावादी खुद को किसान नेता बता रहे हैं। आयोग ने शुक्रवार को हरियाणा पुलिस को किसान प्रदर्शन स्थल पर दलित व्यक्ति की हत्या के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। सांपला ने हरियाणा पुलिस से 24 घंटे के भीतर प्राथमिक रिपोर्ट भी मांगी है।

सोशल मीडिया पर काफी प्रसारित हो रहे एक वीडियो क्लिप में कुछ निहंगों को जमीन पर खून से लथपथ पड़े एक व्यक्ति के पास खड़े हुए देखा गया है और उसका बायां हाथ कटा हुआ पड़ा है। निहंगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मृतक ने सिखों की पवित्र पुस्तक की बेअदबी की है।

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगती सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की शीर्ष इकाई संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बताया कि इस नृशंस हत्या की जिम्मेदारी निहंगों के समूह ने ली है। उनका दावा है कि लखबीर ने सिखों की पवित्र किताब सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की थी। 

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