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तिहाड़ में भी चैन से सोया आफताब, अलर्ट मोड पर जेल प्रशासन, बरती जा रहीं ये सावधानियां

श्रद्धा हत्याकांड में आरोपी आफताब को कोर्ट ने 13 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था। जेल सूत्रों ने बताया कि जेल में आफताब की पहली रात बिल्कुल आराम से बेफिक्र अंदाज में कटी।

तिहाड़ में भी चैन से सोया आफताब, अलर्ट मोड पर जेल प्रशासन, बरती जा रहीं ये सावधानियां
Krishna Singhहिन्दुस्तान,नई दिल्लीSun, 27 Nov 2022 10:17 PM

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श्रद्धा हत्याकांड में आरोपी आफताब को कोर्ट ने 13 दिन की न्यायिक हिरासत में शनिवार शाम को तिहाड़ जेल भेज दिया था। जेल में आफताब की पहली रात बिल्कुल आराम से बेफिक्र अंदाज में कटी। जेल सूत्रों की मानें तो आफताब चैन से सोता रहा। जैसे वह पुलिस हिरासत में थाने में आराम से सोता था। जैसे वह थाने में पुलिसकर्मियों से अंग्रेजी बोलता था, वैसे ही वह तिहाड़ में भी अंग्रेजी झाड़ रहा है। आफताब को तिहाड़ की जेल संख्या-4 के बैरक नंबर 15 में रखा गया है। उसकी सुरक्षा को लेकर जेल प्रशासन अलर्ट मोड पर है और सभी एहतियाती इंतजाम किए हुए हैं। 

सबसे सेफ मानी जाती है 15 नंबर बैरक
अन्य बैरक के मुकाबले 15 नंबर बैरक सबसे सेफ मानी जाती है। उसे जेल में अन्य कैदियों से अलग रखा गया है। इसकी निगरानी के लिए 24 घंटे तीन जेलकर्मी का एक स्टाफ हर समय सेल में मौजूद है। हालांकि सभी जेलों और बैरक में सीसीटीवी लगे हुए हैं, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए जेलकर्मी सीसीटीवी के अलावा भी गश्त कर रहा है। आफताब को खाना देने से पहले भी उसकी जांच की रही है, ताकि आफताब कोई गड़बड़ न कर सके।

मैनुवल के हिसाब से मिला खाना
आफताब ने तिहाड़ जेल के मैनुअल के हिसाब से मिलने वाला सादा खाना खाया। उसने पूरी रात कंबल ओढ़कर इत्मीनान से नींद ली। सुबह नश्ते के समय जेलर उसे जेल परिसर में लेकर गया। नाश्ते के बाद उसे वापस उसके सेल में छोड़ दिया गया। उसके खाने-पीने के इंतजाम को लेकर पूछने पर तिहाड़ प्रशासन ने बोला कि मैनुवल के मुताबिक खाना देने का प्रावधान है।

नहीं लगा, आफताब को कोई पछतावा है
चूंकि जेल में लाने के बाद सुरक्षा को लेकर उस पर पूरी पैनी नजर रखी जा रही है। इस दौरान उसके चेहरे पर किसी भी तरह का कोई तनाव नहीं दिखा। न ही उसे देखकर लगा कि उसे किसी भी तरह का पछतावा है। जेल आने के बाद वह चुपचाप था। कुछ पूछने पर वह सिर्फ अंग्रेजी में ही बात कर रहा था। हालांकि, बाद में जेल वार्डन ने आफताब को बाकी कैदियों से अलग रहने को कहा तो वह एकदम से चुप हो गया। उसे शनिवार शाम करीब छह बजे तिहाड़ जेल लाया गया था।

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