जेल में शतरंज खेल कर समय बिता रहा आफताब, चीनी चापड़ से भी काटा था श्रद्धा का शव
Shraddha Murder Case: आफताब इन दिनों तिहाड़ की जेल संख्या चार में खाली समय शतरंज खेलकर बिता रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जब फोरेंसिक टीम शुक्रवार को तिहाड़ पहुंची तब आफताब शतरंज खेल रहा था।
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एफएसएल की चार सदस्यीय एक टीम ने श्रद्धा हत्याकांड मामले के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का पोस्ट नार्को टेस्ट किया। टीम शुक्रवार को जांच अधिकारियों के साथ तिहाड़ जेल पहुंची थी। इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जब फोरेंसिक टीम शुक्रवार को तिहाड़ पहुंची तब आफताब शतरंज खेल रहा था। आफताब इन दिनों तिहाड़ की जेल संख्या चार में खाली समय शतरंज खेलकर बिता रहा है। जेल अधिकारियों ने बताया कि आफताब पर हर वक्त कड़ी नजर रखी जा रही है। एक अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड को भी उसकी निगरानी में तैनात किया गया है।
मुंबई पुलिस की पूछताछ के दौरान भी रखा था श्रद्धा का फोन
इस बीच दिल्ली पुलिस की छानबीन में सामने आया है कि आफताब को जब मुंबई पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था तब भी उसके पास श्रद्धा का फोन मौजूद था। वह वापस लौटते समय फोन को समुद्र मे फेंक कर भाग गया था। हालांकि मुंबई में रहने के दौरान उसने समुद्र के किनारों का भ्रमण किया था। पुलिस ने यह खुलासा आफताब के सीडीआर जांच से किया है।
चीनी चापड़ से भी काटा था श्रद्धा का शव
पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि छानबीन में सामने आया है कि आफताब ने चाइनीज चापड़ से भी श्रद्धा का शव काटा था। हालांकि पुलिस को अभी इस बात के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। आफताब के फ्लैट से जो धारदार हथियार मिले हैं, उनमें किसका इस्तेमाल किया गया है, इसकी जांच की जा रही है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि धारदार हथियार कहां से खरीदा था इसकी भी छानबीन चल रही है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि अगर आफताब ने 18 मई से पहले इन हथियारों को खरीदा था तो यह साबित करने में आसानी होगी कि उसने हत्या की योजना पहले ही तैयार कर ली थी।
'पॉलीग्राफ', 'नार्को' जांच ये बातें कही
पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि आफताब ने अपनी 'पॉलीग्राफ', 'नार्को' जांच और पुलिस पूछताछ के दौरान समान जवाब दिए हैं। यही नहीं आफताब ने नार्को और पालिग्राफ दोनों जांचों में अपनी 'लिव-इन-पार्टनर' की हत्या की बात स्वीकार की है। नार्को जांच के दौरान आफताब ने बताया कि उसने श्रद्धा के शव के टुकड़े करने के लिए छुरे और आरी दोनों का इस्तेमाल किया था। उसने आरी को गुड़गांव में अपने दफ्तर के पास झाड़ियों में कहीं फेंक दिया था। उसने श्रद्धा का सिर महरौली के जंगली इलाकों में कहीं फेंक दिया था। हालांकि श्रद्धा का सिर अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है।
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