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घोड़ों की रेस में सट्टा लगाने से करोड़ों की कर्ज में डूबा था मैनेजर, घर में मिला पत्र

पुलिस ने बताया कि पत्र में लिखा हुआ है कि साल 2016 में सुशील के पिता भेल कंपनी से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके सेवानिवृत्त के करीब 15 से 16 लाख रुपये जो मिले थे

घोड़ों की रेस में सट्टा लगाने से करोड़ों की कर्ज में डूबा था मैनेजर, घर में मिला पत्र
Swati Kumariप्रमुख संवाददाता,नई दिल्लीWed, 17 May 2023 10:47 PM
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दिल्ली के शाहदरा की ज्योति कॉलोनी में पत्नी व बेटी की हत्या के बाद खुदकुशी करने वाले दिल्ली मेट्रो के डिपो मैनेजर सुशील के घर से पुलिस को पेंसिल से लिखा एक पत्र मिला है, जिसमें लिखा हुआ है कि सुशील घोड़ों की रेस में सट्टा लगाता था, वह करोड़ों रुपये हार गया था। उस पर बहुत कर्ज हो गया था, कर्ज चुकाने के लिए उसने पत्नी के गहने तक बेच दिए थे। फिलहाल यह पत्र सुशील की पत्नी अनुराधा का बताया जा रहा है। 

पुलिस ने बताया कि पत्र में लिखा हुआ है कि साल 2016 में सुशील के पिता भेल कंपनी से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके सेवानिवृत्त के करीब 15 से 16 लाख रुपये जो मिले थे, सुशील ने वह रुपये भी सट्टे में हार गए थे। घर के गहने भी बेच दिए थे। लोगों का कर्ज बहुत बढ़ गया था। लोग कर्ज मांगने के लिए घर पर भी आने लगे थे। परिवार के लोग शर्मिंदा हो रहे थे। हालांकि सुशील पर कितना कर्ज था, इसका अभी पता नहीं लग सका है, लेकिन प्राथमिक जांच में उस पर करोड़ों रुपये की कर्ज की बात सामने आई है, फिलहाल बैंक खाते व मोबाइल के जरिए पुलिस डिटेल खंगालने का प्रयास कर रही है। वहीं सुशील, उसकी पत्नी अनुराधा, बेटी अदिति का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से कराया जाएगा। वहीं उसके बेटे की हालत गंभीर बनी हुई है। 

 बता दें कि सुशील ने वारदात से पहले आत्महत्या कैसे ही जाती है, यह गूगल पर सर्च किया था। सुशील ने न केवल वीडियो देखे बल्कि रस्सी से मजबूत फंदा कैसे बनाया जाता है, यह भी सीखा था। पुलिस जब सुशील के कमरे में गई तो वहां कम्प्यूटर खुला हुआ था। कम्प्यूटर पर आत्महत्या कैसे की जाए, इससे संबंधित वीडियो और लिखित मैटीरियल मौजूद था। लैपटॉप को पुलिस ने जब्त कर लिया है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि सुशील कर्ज से काफी परेशान था। उसने कर्जा उतारने के लिए अपनी पत्नी और पैतृक संपत्ति में मिली ज्वैलरी गिरवी रखकर लोन लिया था। उसके बाद भी कर्जा खत्म नहीं हुआ और कर्जदार लगातार उस पर पैसे वापस करने का दवाब बना रहे थे। 

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