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शाहबेरी प्रकरण : योगी की सख्ती के बाद हरकत में आई पुलिस, बिल्डरों पर कसा शिकंजा

ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद नोएडा पुलिस हरकत में आ गई है। अवैध निर्माण के आरोप में बिसरख थाने में 62 मुकदमे दर्ज हैं जिनमें 300 से अधिक...

शाहबेरी प्रकरण : योगी की सख्ती के बाद हरकत में आई पुलिस, बिल्डरों पर कसा शिकंजा
ग्रेटर नोएडा | संवाददाता Sat, 17 Aug 2019 07:20 PM
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ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद नोएडा पुलिस हरकत में आ गई है। अवैध निर्माण के आरोप में बिसरख थाने में 62 मुकदमे दर्ज हैं जिनमें 300 से अधिक बिल्डर के नाम हैं। एसएसपी ने इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमों का गठन किया। पुलिस ने गुरुवार की रात बिल्डर की तलाश में 20 से अधिक ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा।

एसपी देहात कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि गुरुवार की रात पुलिस ने आरोपी बिल्डर की गिरफ्तारी के लिए 20 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर के गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेरठ, बुलंदशहर आदि स्थानों पर दबिश दी। हालांकि, किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। पुलिस का यह अभियान जारी है। पुलिस जल्द सभी आरोपियों को गिरफ्तार करेगी। 

ब्योरा जुटाया जा रहा : शाहबेरी में पिछले साल हुए हादसे के बाद ग्रेनो प्राधिकरण अब तक 45 एफआईआर बिल्डर/प्रॉपर्टी डीलर और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज करा चुका है। इन एफआईआर में 262 लोगों के नाम हैं। अभी तक अधिकतर लोगों पर कार्रवाई नहीं हुई है। अब प्राधिकरण इन 262 लोगों का ब्योरा जुटा रहा है। ब्योरा एकत्र होने के बाद पुलिस और प्रशासन को भेजा जाएगा।

सिर्फ एक करोड़ रुपये फंसे : प्राधिकरण ने 129 करोड़ रुपये अधिग्रहण के लिए एडीएम एलए के यहां जमा कराए थे। बताते हैं कि इसमें से सिर्फ 17 करोड़ ही किसानों को बांटे गए थे। बाद में 16 करोड़ रुपये किसानों से वसूल लिए गए। अब सिर्फ एक करोड़ रुपये किसानों के पास बचा है। 

बिल्डरों की संपत्ति होगी कुर्क

''शाहबेरी प्रकरण में आरोपी बिल्डर बच नहीं सकेंगे। उनकी संपत्तियों की जानकारी जुटाई जा रही है। संपत्तियों को अटैच किया जाएगा। अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।'' -बीएन सिंह, जिलाधिकारी

''शाहबेरी प्रकरण के सभी आरोपी बिल्डरों को गिरफ्तार किया जाएगा। इसके लिए पुलिस टीमें जुटी हुई हैं। उन पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जा चुका है। पूर्व में दर्ज मुकदमों में की गई कार्रवाई की समीक्षा की जा रही है।'' -वैभव कृष्ण, एसएसपी

22 पुलिसकर्मियों की सूची कमिश्नर को भेजी गई

ग्रेटर नोएडा (सं.) | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर शाहबेरी प्रकरण में पुलिस विभाग ने 22 पुलिसकर्मियों की सूची तैयार की है। पिछले सात साल के दौरान बिसरख कोतवाली में तैनात रहे कोतवाल और सिपाहियों के नाम सूची में हैं। पुलिस ने यह सूची मेरठ मंडल की कमिश्नर को भेज दी है। पुलिस विभाग अब डीएसपी और अन्य उच्चधिकारियों की सूची तैयार करेगा।

पिछले साल एक अवैध इमारतें के गिरने से उसमें दबकर नौ लोगों की मौत के बाद मामला शासन स्तर तक पहुंचा। आरोप लगा कि अधिकारियों की मिलीभगत के बाद शाहबेरी में अवैध इमारतें खड़ी की गईं। मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लिया और जिनके कार्यकाल में यहां इमारतें बनाई गईं उनका ब्योरा मांगा। मुख्यमंत्री ने प्राधिकरण, प्रशासन और पुलिस विभाग में इस दौरान तैनात रहे अधिकारियों की सूची मांगी है। आदेश के बाद पुलिस विभाग ने 22 कोतवाल की सूची तैयार कर कमिश्नर को भेजी है। एसपी देहात कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि पिछले वर्षों के दौरान बिसरख कोतवाली में तैनात रहे कोतवाल और सिपाहियों की सूची तैयार की गई है। अब उच्चधिकारियों की सूची तैयार होगी। प्राधिकरण और प्रशासन की तरफ से अभी सूची तैयार नहीं हो सकी है। प्राधिकरण अधिकारी एक दूसरे के ऊपर आरोप लगा रहे हैं जिसके चलते अभी सूची तैयार नहीं हो सकी है। 

आईआईटी दिल्ली इमारतों की जांच शुरू करेगा

ग्रेटर नोएडा (व. सं.) | आईआईटी दिल्ली शाहबेरी गांव की इमारतों की मजबूती की जांच करेगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अनुरोध पर आईआईटी दिल्ली इसके लिए तैयार हो गया है। जांच फीस के तौर पर प्राधिकरण को 50 लाख रुपये चुकाने होंगे। यह काम एक से डेढ़ माह में पूरा होने की उम्मीद है। वहीं, प्राधिकरण के अनुरोध को अन्य विशेषज्ञ संस्थानों ने समय के भाव के चलते जांच करने से इनकार कर दिया है।

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शाहबेरी की इमारतों की मजबूती की जांच के लिए कवायद शुरू की थी। इसके लिए प्राधिकरण ने आईआईटी दिल्ली, रुड़की, कानपुर व सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की को पत्र भेजा और अनुरोध किया कि इन इमारतों की जांच करा दें। इस जांच के लिए आईआईटी दिल्ली तैयार हो गया है। इसके लिए संस्थान ने 50 लाख रुपये फीस बताई है। 

शाहबेरी में करीब 450 इमारतों की जांच होनी है। इसमें पांच इमारतें व्यावसायिक हैं। प्रति फ्लैट के हिसाब से यह फीस तय की गई है। इस पर प्राधिकरण तैयार हो गया है। आईआईटी को यह फीस दे दी गई है। अब आईआईटी जल्द यह काम शुरू करेगा। आईआईटी से कहा गया है कि यह काम जल्द पूरा हो जाए। उम्मीद है कि यह काम एक से डेढ़ महीने में पूरा हो जाएगा। इसके बाद आगे का फैसला होगा।

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