सीरो सर्वे : दिल्ली में 97 फीसदी लोगों में कोरोना से लड़ने वाले एंटीबॉडी मिले
राजधानी दिल्ली में 97 फीसदी लोगों में कोरोना संक्रमण से लड़ने वाली एंटीबॉडी मिली है। यह जानकारी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को दी। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में 95 प्रतिशत से...
इस खबर को सुनें
राजधानी दिल्ली में 97 फीसदी लोगों में कोरोना संक्रमण से लड़ने वाली एंटीबॉडी मिली है। यह जानकारी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को दी। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में 95 प्रतिशत से अधिक की व्यापकता पाई गई।
सत्येंद्र जैन ने पत्रकारों को बताया कि छठे सिरो सर्वे के अंतर्गत 24 सितंबर से नमूने एकत्र करने का काम शुरू किया गया था। इसके लिए राष्ट्रीय राजधानी से कुल 28,000 नमूने एकत्र किए गए थे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में सिरो सकारात्मक दर 95 फीसदी से अधिक रही, जिसमें पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक रही। गौरतलब है कि दिल्ली में जनवरी में कराए गए पांचवें सिरो सर्वेक्षण में 56 फीसदी से अधिक लोगों में एंटीबॉडी पाई गई थी।
सातवां सिरो सर्वे भी जल्द होगा
सूत्रों के मुताबिक संक्रमण के सही प्रसार का पता करने के लिए वापस से एक नया सर्वे शुरू होगा। पिछले सप्ताह भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से भी सर्वे कराने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इससे पहले पांचवें चरण के सिरो सर्वे में 56 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाए गए थे, लेकिन इसके बाद भी दिल्ली में कोरोना की लहर आई और रिकॉर्ड मामले भी आए।
कैसे होता है सिरो सर्वे
सिरो सर्वे सिरोलॉजी टेस्ट के जरिए किया जाता है। इस टेस्ट में व्यक्ति के शरीर में खास संक्रमण के खिलाफ बनने वाले एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। देखा जाता है कि क्या व्यक्ति के इम्यून सिस्टम ने इंफेक्शन का जवाब दिया है। मानव शरीर में दो तरह की एंटीबॉडी बनती है, इनमें आईजीएम और आईजीजी शामिल हैं। ये दोनों ही संक्रमण के खिलाफ काम करते हैं। आईजीजी एंटीबॉडी शरीर में लंबे समय तक रहते हैं।
सीरो सर्वे का क्या है महत्व
सीरो सर्वे दो चीजें को दर्शाता है, पहला कितनी फीसदी जनसंख्या वायरस की चपेट में आई है। दूसरा कौन से ग्रुप में वायरस के लक्षण ज्यादा पाए गए हैं।