वह तो सिर्फ सच्चाई जानने गई थीं, ममता बनर्जी के समर्थन में उतरे संजय सिंह
नीति आयोग की बैठक से बाहर आकर ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने कहा कि पांच मिनट के बाद उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया, जबकि अन्य मुख्यमंत्रियों को बोलने के लिए ज्यादा समय दिया गया।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक आयोजित की गई थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस बैठक में शामिल हुई हालांकि कुछ देर बाद वह मीटिंग बीच में छोड़कर बाहर आ गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की एकमात्र प्रतिनिधि होने के बावजूद उन्हें भाषण के दौरान बीच में ही रोक दिया गया और माइक बंद दिया गया। उन्होंने कहा कि जैसे ही उन्होंने पश्चिम बंगाल को केंद्र से कम फंड का मुद्दा उठाया, उनका माइक बंद कर दिया गया। उन्होंने इसे अपना अपमान बताया है। इस बीच आप आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ममता बनर्जी के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने कहा है कि ममता बनर्जी का बयान 100 फीसदी सही हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब संजय सिंह से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, यह लोग पूरे विपक्ष का अपमान करने पर अमादा हैं ही। उन्होंने कहा, वे ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल करते हैं और विपक्षी नेताओं को जेल भेजते हैं। तो ममता बनर्जी का बयान बिल्कुल सही है। जब संसद में विरोध प्रदर्शन हुआ कि बजट में राज्यों के साथ भेदभाव किया गया है। कई राज्यों को धनराशि आवंटित नहीं की गई जिस हिसाब से उन्हें जरूरत थी तो उस प्रदर्शन में टीएमसी भी शामिल हुई थी। ऐसी स्थिति में बैठक में जाने का उनका मकसद सच्चाई जानना था और सच्चाई जानने के बाद उन्होंने बयान दिया है।
ममता बनर्जी ने कहा कि पांच मिनट के बाद उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया, जबकि अन्य मुख्यमंत्रियों को बोलने के लिए ज्यादा समय दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘यह अपमानजनक है। मैं आगे से किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लूंगी।’’ उन्होंने बैठक से बाहर आने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं बैठक का बहिष्कार करके बाहर आई हूं। (आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री) चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए। असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने 10 से 12 मिनट तक अपनी बात रखी। मुझे पांच मिनट बाद ही बोलने से रोक दिया गया। यह अनुचित है।’’
ममता ने कहा, ‘‘विपक्ष की तरफ से मैं यहां अकेली नेता हूं। मैंने बैठक में इसलिए हिस्सा लिया, क्योंकि सहकारी संघवाद को मजबूत किया जाना चाहिए।’’ सरकारी सूत्रों ने कहा कि यह कहना गलत है कि ममता का माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि घड़ी के अनुसार, उनके बोलने का समय समाप्त हो गया था।
सूत्रों ने बताया कि वर्णानुक्रम के अनुसार, ममता की बोलने की बारी दोपहर के भोजन के बाद आती, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें सातवें वक्ता के रूप में बोलने की अनुमति दी गई, क्योंकि उन्हें जल्दी कोलकाता लौटना था। ममता के अनुसार, उन्होंने बैठक के दौरान कहा कि सरकार ने राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण बजट पेश किया है और सवाल किया कि केंद्र राज्यों के बीच भेदभाव क्यों कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, तो यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय शक्तियां दें या योजना आयोग को वापस लाएं।’’
भाषा से इनपुट
लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर ,और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।