ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News NCRसफदरजंग अस्पताल में इलाज के बदले लेता था पैसे, महीनेभर से CBI के रडार पर था डॉक्टर; ऐसे हुआ अरेस्ट

सफदरजंग अस्पताल में इलाज के बदले लेता था पैसे, महीनेभर से CBI के रडार पर था डॉक्टर; ऐसे हुआ अरेस्ट

पुलिस जांच में पता चला है कि पटेल ने रावत और उनकी पत्नी के निर्देश पर तीसरे पक्ष को भुगतान करने के लिए रिश्वत वसूली का भी इस्तेमाल किया।

सफदरजंग अस्पताल में इलाज के बदले लेता था पैसे, महीनेभर से CBI के रडार पर था डॉक्टर; ऐसे हुआ अरेस्ट
Swati Kumariलाइव हिंदुस्तान,नई दिल्लीFri, 31 Mar 2023 04:51 PM
ऐप पर पढ़ें

सीबीआई ने गुरुवार को राजधानी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में छापा मारकर एक न्यूरोसर्जन को गिरफ्तार कर लिया।  आरोप है कि न्यूरोसर्जन मरीजों को सर्जरी के लिए जल्दी तारीख पाने के लिए अधिक कीमतों पर एक खास स्टोर से सर्जिकल किट और उपकरण खरीदने पर मजबूर करता था।  सूत्रों का कहना है कि डॉ मनीष रावत और उनके सहयोगी केंद्रीय जांच ब्यूरो के रडार पर थे और एक महीने से अधिक समय तक निगरानी में रखे गए थे। जांच में सामने आया है कि रावत ने अपने रोगियों से एक बिचौलिए के बैंक खाते में 30,000 रुपये से लेकर 1.15 लाख रुपये तक की रिश्वत जमा कराई है। सीबीआई ने रावत पर अत्यधिक महंगे सर्जिकल उपकरणों की बिक्री से कमाए अतिरिक्त धन के हेरफेर, रिश्वत के जरिए खुद और अपने सह-साजिशकर्ताओं को समृद्ध करने और बरेली निवासी एक निजी व्यक्ति गणेश चंद्र द्वारा नियंत्रित विभिन्न कंपनियों के माध्यम से अवैध लाभ का शोधन किए जाने का भी आरोप लगाया है।

कॉल  की जांच से पता चला कि 10 मार्च को रावत के सहयोगी अवनीश पटेल ने कथित तौर पर कल्याणपुरी निवासी सिमरन कौर नाम की एक महिला से संपर्क किया और उसे बताया कि उसके पति को सर्वाइकल की समस्याओं के लिए स्पाइनल सर्जरी की जरूरत है। सूत्रों ने कहा कि कौर को निर्देश दिया गया था कि अगर उन्होंने बैंक खाते में 1.15 लाख रुपये जमा किए तो प्राथमिकता के आधार पर सर्जरी की जाएगी।

बरेली से जुड़ें हैं तार 
इसी तरह 14 मार्च को पटेल ने कथित तौर पर मदन लाल और श्यामू नाम के रोगियों के परिजनों से 25,000 रुपये और 30,000 रुपये लिया। एक अन्य बिचौलिए मनीष शर्मा ने कथित तौर पर कुलदीप नाम के अपने सहयोगी के खाते में 30,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए। सूत्रों ने कहा कि यह मरीज सैयद अली के परिवार द्वारा रिश्वत के रूप में दी गई रकम थी। सूत्रों ने कहा कि सर्विलांस और इंटरसेप्टेड कॉल्स से यह भी पता चला है कि कैसे डॉ रावत ने बरेली स्थित गणेश चंद्र के जरिए से पैसे को वैध कमाई में बदलने के लिए फर्जी फर्मों का इस्तेमाल किया। फ़िलहाल चंद्रा फरार है।

22 मार्च को चंद्रा ने कथित तौर पर रावत को फोन किया और पटेल के माध्यम से शेल कंपनियों के पंजीकरण के लिए पैसे भेजने को कहा। सूत्रों ने बताया कि 23 मार्च को पटेल ने चंद्रा को फोन कर बताया कि जैसे ही कुछ मरीज रिश्वत की रकम जमा करेंगे, वह राशि ट्रांसफर कर देंगे। एक सूत्र ने कहा, 'इसके बाद पटेल ने गौरी शंकर नाम के एक मरीज से 35,000 रुपये लिए और इसे चंद्रा के भारतीय स्टेट बैंक खाते में जमा कर दिया। चंद्रा ने राशि प्राप्त करने की पुष्टि की और पटेल से शेष राशि जल्द से जल्द मांगी।'

रावत की पत्नी का भी नाम 
पुलिस जांच में पता चला है कि पटेल ने रावत और उनकी पत्नी के निर्देश पर तीसरे पक्ष को भुगतान करने के लिए रिश्वत वसूली का भी इस्तेमाल किया। रावत ने कथित तौर पर पटेल को अपनी और अपनी पत्नी की केरल की छुट्टियों के लिए एक ट्रैवल एजेंट को 1 लाख रुपये देने के लिए कहा। 25 मार्च को, पटेल ने कथित तौर पर रावत की पत्नी के निर्देश पर एक साड़ी की दुकान को 19,000 रुपये का भुगतान किया।

पुलिस अधीक्षक नूपुर प्रसाद के नेतृत्व में सीबीआई की एक टीम इस तरह के और लेनदेन की जांच कर रही है। एजेंसी रावत की पत्नी से भी पूछताछ करेगी और उनका बयान दर्ज करेगी। इसने आरोपियों पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों को लागू करते हुए आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें