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गुरुग्राम नगर निगम में 180 करोड़ रुपये का विज्ञापन घोटाला उजागर, लोकायुक्त ने दिए एसआईटी जांच के आदेश

गुरुग्राम नगर निगम में 180 करोड़ रुपये के विज्ञापन घोटाले का खुलासा हुआ है। हरियाणा के लोकायुक्त ने नगर निगम में हुए इस घोटाले की जांच के आदेश दिए हैं। लोकायुक्त ने घोटाले की जांच...

गुरुग्राम नगर निगम में 180 करोड़ रुपये का विज्ञापन घोटाला उजागर, लोकायुक्त ने दिए एसआईटी जांच के आदेश
गुरुग्राम। कार्यालय संवाददाता Mon, 28 Jun 2021 05:08 PM
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गुरुग्राम नगर निगम में 180 करोड़ रुपये के विज्ञापन घोटाले का खुलासा हुआ है। हरियाणा के लोकायुक्त ने नगर निगम में हुए इस घोटाले की जांच के आदेश दिए हैं। लोकायुक्त ने घोटाले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने के निर्देश दिए। टीम में एक सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश और नगर निगम के दो सेवानिवृत्त सक्षम अधिकारियों को शामिल करने को कहा गया है।

शिकायतकर्ता अभय जैन ने बताया कि वर्ष 2015 में लोकायुक्त हरियाणा के कार्यालय में नगर निगम गुरुग्राम के खिलाफ बड़े मॉल मालिकों और बिल्डरों से विज्ञापन कर के रूप में 180 करोड़ रुपये की वसूली नहीं करने की शिकायत दर्ज कराई थी। लोकायुक्त में पांच साल तक चली सुनवाई के बाद 4 जून को जांच के आदेश हुए। इसमें हरियाणा के लोकायुक्त न्यायमूर्ति नवल किशोर अग्रवाल ने अपने फैसले में कहा कि नगर निगम के अधिकारियों की विज्ञापन एजेंसियों के साथ 2010 से 2015 तक करोड़ों रुपये के गबन में मिलीभगत साफ नजर आ रही है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार ने राज्य के लगभग सभी प्रमुख क्षेत्रों में अपना जाल फैला लिया है। यह देश के निवेश और विकास की वृद्धि में एक बाधा है।

लोकायुक्त ने आदेश दिया कि एसआईटी इस मामले की जांच करे। इसमें जो भी दोषी पाए जाते हैं, उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक, विभागीय कार्रवाई करने के अलावा उन अधिकारियों से बकाया की वसूली की जाए। इस संबंध में गुरुग्राम नगर निगम का पक्ष जानने के लिए नगर निगम आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा को फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

निगम ने आरटीआई में दिया था जवाब

शिकायतकर्ता अभय जैन ने बताया कि नगर निगम गुरुग्राम ने 2015 में एक आरटीआई में जवाब दिया था कि निगम को विज्ञापन एजेंसियों से 180 करोड़ रुपये की वसूली करनी थी। निगम के जवाब आने के बाद वर्ष 2015 में लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई। आरोप लगाया कि नगर निगम के अधिकारियों ने विज्ञापन एजेंसियों के साथ मिलकर निगम के करोड़ों रुपये का गबन किया है। अभय जैन ने आरोप लगाया है कि नगर निगम अधिकारी जान-बूझकर अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए विज्ञापन एजेंसियों से 180 करोड़ रुपये की बड़ी राशि की वसूली नहीं कर रहे हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में कुछ कंपनियों और उनकी देय राशि का खुलासा किया।

दस कंपनियों से नहीं की गई वसूली

शिकायतकर्ता के अनुसार, दस कंपनियों से 180 करोड़ रुपये वसूलने थे। इसमें डीएलएफ साइबर सिटी डेवलपर्स पर 59.37 करोड़, डीएलएफ ऑफिस डेवलपर पर 23.38 करोड़, रेनकॉन पार्टनर्स झंडेवालान एक्सटेंशन नई दिल्ली पर 23.62 करोड़, विज्ञापन संचार प्राइवेट लिमिटेड पर 16.95 करोड़, एंबिएंस मॉल पर 11.8 करोड़, डीएलएफ कॉमर्शियल इंटरप्राइजेज पर 8.97 करोड़, पैंटालून रिटेल लिमिटेड पर 3 करोड़ आदि शामिल हैं।   
 

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