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गुरुग्राम में प्रदूषण रोकने को विभागों की जिम्मेदारी तय, प्रतिदिन देनी होगी रिपोर्ट

गुरुग्राम जिले में पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम के लिए विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी दी गई है। सभी विभागों को प्रदूषण की रोकथाम के लिए नोडल अधिकारियों को नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी...

गुरुग्राम में प्रदूषण रोकने को विभागों की जिम्मेदारी तय, प्रतिदिन देनी होगी रिपोर्ट
गुरुग्राम। वरिष्ठ संवाददाताFri, 16 Oct 2020 06:26 PM
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गुरुग्राम जिले में पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम के लिए विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी दी गई है। सभी विभागों को प्रदूषण की रोकथाम के लिए नोडल अधिकारियों को नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी विभागों को मिलकर प्रदूषण की निगरानी करनी होगी। वहीं चिह्नित हॉट-स्पॉट पर 24 घंटे निगरानी करने के लिए कहा गया है। खासकर उद्योग विहार समेत जहां पर प्रदूषण अधिक होता है वहां पर विशेष निगरानी करनी होगी। वहीं आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

उपायुक्त अमित खत्री ने कहा कि आवश्यक तथा आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर फरीदाबाद तथा गुरुग्राम शहरों में डीजी सेट के प्रयोग पर प्रतिबंध रहेगा। ईपीसीए ने कुछ आवश्यक सेवाओं जैसे मेडिकल उद्देश्यों के लिए अस्पताल, नर्सिंग होम तथा स्वास्थ्य सुविधाओं, लिफ्ट, एस्केलेटर, रेलवे स्टेशन, मेट्रो रेल कॉरपोरेशन सेवाएं, जिसमें उनकी ट्रेन और मेट्रो स्टेशन व एयरपोर्ट तथा अंतरराज्यीय बस टर्मिनल को डीजी सेट प्रयोग के प्रतिबंध से मुक्त रखा है। हालांकि, बिजली निगम को ऐसे स्थानों पर 24 घंटे आपूर्ति के निर्देश दिए गए हैं, जिससे यहां पर जनरेटर का उपयोग कम रखा जाए।

निर्माण एजेंसियां देंगी शपथ पत्र

जिले में बड़ी निर्माण परियोजनाओं जैसे हाईवे और मेट्रो आदि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह अंडरटेकिंग देंगे कि वह धूल प्रबंधन संबंधी निर्धारित मानक तथा गाइडलाइंस का पालन करेंगे। प्रदूषण की दृष्टि से सभी उद्योगों को लाल और नारंगी श्रेणियों में विभाजित कर दोनों प्रकार के उद्योगों से यह शपथ पत्र देने को कहा गया है कि वह केवल अधिकृत ईंधन का ही प्रयोग करेंगे और प्रदूषण नियंत्रण के पर्याप्त उपायों के बगैर संचालन नहीं करेंगे। यह शपथ पत्र उन्हें राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को देना है। 

हॉट-स्पॉट पर निगरानी

जिले में चिन्हित प्रदूषण हॉट-स्पॉट पर रात में भी गश्त करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके लिए विभागों को टीमें गठित करनी होंगी। निर्देश दिया कि ईपीसीए ने अपने फील्ड में विजिट के दौरान जो कमियां पाई हैं उनको प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट बनाकर ईपीसीए को भेजी जाएगी। इसके अलावा, कचरा जनित होने वाले स्रोतों, अवैध ईंधन के प्रयोग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। जिला उपायुक्त ने डस्ट अथवा धूल के नियंत्रण के लिए सभी प्रकार की तकनीकों का प्रयोग करने के आदेश भी दिए हैं। जिले में जहां भी संभव हो मशीनों से सफाई करवाई जाए। इसके लिए शिफ्टों में दिन-रात काम किया जा सकता है और सड़क किनारे धूल उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जाना चाहिए।

नोडल अधिकारी करने होंगे नियुक्त

जिला उपायुक्त ने बताया कि एक्शन टेकन रिपोर्ट हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजी जाएगी। साथ ही ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) तथा ईपीसीए के निर्देश पर सभी संबंधित विभागों में नोडल अधिकारी नियुक्त करने होंगे। इन नोडल अधिकारियों के नाम, मोबाइल नंबर तथा ईमेल आईडी हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को उपलब्ध करवाए जाएंगे। पिछले साल के नोडल अधिकारियों या उनके उत्तराधिकारियों को भी यह जिम्मेदारी दी जा सकती है और दोनों की अनुलब्धता की सूरत में विभाग अध्यक्ष को नोडल अधिकारी माना जाएगा। सभी संबंधित विभाग अपने विभाग से संबंधित ईपीसीए के निर्देशों के पालन के लिए टीमों का गठन करेंगे और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को ओवरऑल नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। 

इन विभागों की जिम्मेदारी

नगर निगम गुरुग्राम, जीएमडीए, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचना विकास निगम, पुलिस, क्षेत्रीय यातायात प्राधिकरण, अतिरिक्त उपायुक्त, राज्य परिवहन विभाग, कृषि विभाग शिक्षा विभाग, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, वन विभाग, राजस्व विभाग, विकास एवं पंचायत विभाग, लोक निर्माण विभाग, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग, स्वास्थ्य विभाग , बिजली निगम, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दायित्व दिए गए हैं। इन सभी विभागों को प्रतिदिन शाम चार बजे तक एक्शन प्लान पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को देनी होगी।

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