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दीपक कोचर को निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की मांग पर विचार करने से इनकार

उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक वीरेंद्र कोचर की उस मांग पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने समुचित इलाज के लिए किसी निजी अस्पताल में...

दीपक कोचर को निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की मांग पर विचार करने से इनकार
नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाताFri, 18 Sep 2020 06:06 AM
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उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक वीरेंद्र कोचर की उस मांग पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने समुचित इलाज के लिए किसी निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की मांग की थी। कोचर कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और उनको कई अन्य बीमारियां भी है। कोचर वर्तमान में हरियाणा के झज्जर में एम्स द्वारा संचालित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) में भर्ती हैं।

कोचर ने न्यायालय में याचिका दाखिल गुरुग्राम में स्थित मेंदांता या मैक्स अस्पताल, दिल्ली स्थित सर गंगाराम या किसी अन्य निजी अस्पताल के निजी वार्ड में भर्ती करने का आदेश देने की मांग की थी। जस्टिस ए. जे. भंभानी ने यह कहते हुए इस मामले पर विचार करने से इनकार कर दिया कि कोचर वर्तमान में मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत की न्यायिक हिरासत में हैं और इसलिए, उच्च न्यायालय उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित नहीं कर सकता है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोचर को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन धनशोधन मामले की जांच के संबंध में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत 07 सितंबर को गिरफ्तार किया था।

ईडी ने कहा कि उसे उन्हें उनके अपने खर्च पर इलाज के लिए किसी अस्पताल में स्थानांतरित करने पर कोई आपत्ति नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय उच्च न्यायालय को बताया कि एकमात्र समस्या यह है कि वह वर्तमान में मुंबई की अदालत की न्यायिक हिरासत में हैं, जिसे उन्हें स्थानांतरित करने के लिए आदेश पारित करना होगा। कोचर की ओर से अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने न्यायालय का बताया कि उनके मुवक्किल कोरोना से संक्रमित हैं क्योंकि वह तब चाणक्यपुरी पुलिस थाने में एक पुलिस सेल में बंद थे जब ईडी उनसे पूछताछ नहीं कर रही थी और उसके बाद उन्हें एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था, जिसने उन्हें एनसीआई, झज्जर भेज दिया।

अग्रवाल ने न्यायालय को बताया कि यदि उनके मुवक्किल को एम्स, दिल्ली में भर्ती कराया जा सकता है और फिर मुंबई की अदालत की अनुमति के बिना एनसीआई, झज्जर में स्थानांतरित किया जा सकता है, तो उन्हें एक निजी अस्पताल में भी स्थानांतरित किया जा सकता है। अग्रवाल ने यह भी कहा कि उनके मुवक्किल को मुंबई में गिरफ्तार किया गया था और उनके खिलाफ ईसीआईआर (प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट) दिल्ली में दर्ज की गई थी। उच्च न्यायालय ने उनकी दलील को दरकिनार करते हुए कहा कि यदि ईडी ने गलती की तो मैं आपको स्थानांतरित करके, उसे जारी नहीं रख सकता। उच्च न्यायालय ने कोचर के वकील को सुझाव दिया है कि वह याचिका वापस लेकर मुम्बई की अदालत में दाखिल करे। इसके बाद कोचर ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी। न्यायालय ने याचिका को वापस मानते हुए खारिज कर दिया।

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