Rajinder Nagar By-Poll: हारे दुर्गेश तो केजरीवाल के लिए बढ़ जाएगा कलेश, छोटे चुनाव के 4 बड़े असर
प्रचंड बहुमत के साथ सरकार चला रही आम आदमी पार्टी (आप) यदि जीत हासिल करती है तो इसकी चर्चा अधिक नहीं होगी, क्योंकि आमतौर पर उपचुनाव के नतीजे सत्ताधारी दल के पक्ष में ही जाते हैं।
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राजेंद्र नगर सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे से दिल्ली की सत्ता पर कोई फर्क नहीं पड़ने जा रहा है। लेकिन 'छोटे' चुनाव में हार-जीत के सियासी मायने काफी बड़े होंगे। प्रचंड बहुमत के साथ सरकार चला रही आम आदमी पार्टी (आप) यदि जीत हासिल करती है तो इसकी चर्चा अधिक नहीं होगी, क्योंकि आमतौर पर उपचुनाव के नतीजे सत्ताधारी दल के पक्ष में ही जाते हैं। लेकिन यदि दुर्गेश पाठक भाजपा के राजेश भाटिया से हार जाते हैं तो इन दिनों 'देशव्यापी प्लान' पर काम कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। आइए समझते हैं राजेंद्र नगर उपचुनाव के नतीजे का दिल्ली की सियासत पर क्या असर होगा।
केजरीवाल के विस्तार प्लान को झटका
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक इन दिनों पार्टी को विस्तार देने में जुटे हैं। दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनने से उत्साहित केजरीवाल कभी हिमाचल में नजर आते हैं तो कभी गुजरात जाकर आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाते हैं। ऐसे में यदि उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ता है तो यह उनके विस्तार प्लान के लिए बड़ा झटका होगा। एक बार फिर दिल्ली पर फोकस बढ़ाने का दबाव होगा।
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कमियों पर करना होगा काम
मुफ्त बिजली, पानी और महिलाओं के लिए फ्री बस सफर जैसे वादों के साथ दिल्ली की सत्ता पर काबिज 'आप' को यदि उपचुनाव में शिकस्त का सामना करना पड़ता है तो केजरीवाल सरकार को कोर्स करेक्शन पर फोकस करना होगा। दिल्ली के कई इलाकों में पानी की किल्लत, गली-मोहल्ले में खुली शराब की दुकानें और सड़कों की खराब हालत को लेकर लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राजेंद्र नगर में रोड शो के दौरान स्वीकार करना पड़ा था कि पानी की समस्या से वाकिफ हैं और जल्द ही दिक्कत दूर करेंगे। गौरतलब है कि यहां कुछ लोगों ने पोस्टर के साथ उनका विरोध किया था, जिस पर लिखा था कि हमें शराब नहीं साफ पानी चाहिए। हालांकि, आप ने इसे बीजेपी की हरकत बताकर खारिज किया था।
आक्रामक हो जाएगी बीजेपी
लंबे समय से दिल्ली की सत्ता से दूर भाजपा यदि उपचुनाव में जीत हासिल कर लेती है तो यह उसके लिए 'बूस्टर डोज' होगा। राजनीतिक जानकारों की मानें तो राजेंद्र नगर सीट पर जीतने की सूरत में भाजपा केजरीवाल सरकार के खिलाफ बेहद आक्रामक हो जाएगी और इसे सरकार के खिलाफ गुस्से के रूप में पेश करते हुए अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेगी।
आप की जीत का क्या होगा असर
राघव चड्ढा के राज्यसभा जाने से खाली हुई सीट पर यदि दुर्गेश पाठक जीत हासिल करते हैं तो केजरीवाल सरकार इसे अपने कामकाज पर जनता की मुहर के रूप में पेश करेगी। मुख्यमंत्री का दायित्व संभालते हुए पार्टी संयोजक के रूप में आप के विस्तार प्लान पर काम कर रहे केजरीवाल आलोचकों को चुप करा सकेंगे। वह अधिक विश्वास के साथ अपने प्लान को आगे बढ़ा सकते हैं। वहीं, भाजपा काडर के लिए भी यह बेहद निराशाजनक होगा। भगवा पार्टी को दिल्ली के 'दिल' में बसने के लिए दोबारा अपनी रणनीति पर विचार करना होगा। हालांकि, लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए नतीजे बेहद अलग रहे हैं।