राजेंद्र नगर बेसमेंट हादसे के बाद खुली MCD की नींद, ताबड़तोड़ ऐक्शन, 13 कोचिंग सेंटर सील
राजेंद्र नगर इलाके में कोचिंग बेसमेंट हादसे के बाद एमसीडी ऐक्शन मोड में है। एमसीडी अधिकारियों ने अवैध रूप से बेसमेंट में संचालित हो रहे 13 कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया है।
राजेंद्र नगर में छात्रों की दर्दनाक मौत मामले में अब लापरवाही की परतें खुलनी शुरू हो गई है। वर्ष 2021 में बनी इस इमारत के बेसमेंट में व्यवसायिक गतिविधि की अनुमति नहीं होने के बावजूद अवैध रूप से लाइब्रेरी चल रही थी। लिहाजा, इसकी कीमत अपने भविष्य के सुनहरे सपने लेकर आए तीन छात्रों को जान देकर चुकानी पड़ी। घटना के बाद निगम अधिकारियों अधिकारियों ने रविवार को देर रात राजेंद्र नगर इलाके में अवैध रूप से बेसमेंट में संचालित हो रहे 13 कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया।
इनमें आईएएस गुरुकुल, चहल अकादमी, प्लूटस अकादमी, साई ट्रेडिंग, आईएएस सेतु, टॉपर की अकादमी, दैनिक संवाद, सिविल्स डेली आईएएस, करियर पावर, 99 नोट्स, विद्या गुरु, गाइडेंस आईएएस, ईजी फॉर आईएएस शामिल हैं। एमसीडी अधिकारियों ने जानकारी दी कि ये कोचिंग सेंटर राजेंद्र नगर के विभिन्न इलाकों में संचालित हो रहे थे। इनमें नियमों का उल्लंघन करते हुए बेसमेंट में कोचिंग संचालित होता पाया गया और मौके पर ही इनकी सीलिंग कर नोटिस चस्पा कर दिया गया।
मेयर शैली ओबेराय ने निगम आयुक्त को बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थान या अन्य व्यवसायिक गतिविधियों के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। मेयर का साफ निर्देश है कि इस मामले में एक-दूसरे पर दोषारोपण नहीं करना चाहिए। हादसे के लिए जो लोग जिम्मेदार हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस वर्ष बारिश ने पिछले 88 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। इसलिए कई जगह जलभराव की समस्या हुई है, लेकिन निगम का प्रयास है कि दोबारा ऐसी घटना नहीं हो।
उन्होंने निगम आयुक्त को पत्र लिखकर दो महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। पहला, निगम के क्षेत्राधिकार में आने वाली इमारतों के बेसमेंट में जितने भी कोचिंग संस्थान नियमों का उल्लंघन करते हुए चल रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। दूसरा, इस हादसे के लिए अगर कोई भी निगम अधिकारी जिम्मेदार है तो उसपर सख्त कार्रवाई की जाए।
नाला टूटने के चलते पानी भरने की संभावना
शैली ओबेराय के मुताबिक, ऐसा लगता है कि इमारत के आगे से निकलने वाला सीवर या नाला अचानक फट गया। नाला टूटने की वजह से पानी तेजी से बेसमेंट में भर गया और बच्चे उसमें फंस गए। मेयर ने कहा कि इस वर्ष अधिक जलभराव की समस्या देखने को मिली है। इसका बड़ा कारण अधिक बारिश होना है। निगम, पीडब्ल्यूडी और दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी इससे निपटने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली की जनता को आश्वासन देती हैं कि भविष्य में दोबारा ऐसी घटना न हो, इसके लिए प्रयास किया जाएगा।
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