ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News NCRदिल्ली-एनसीआर में अभी और छकाएगा मौसम का मिजाज, धूल भरी आंधी और बारिश कब होगी पढ़ लें

दिल्ली-एनसीआर में अभी और छकाएगा मौसम का मिजाज, धूल भरी आंधी और बारिश कब होगी पढ़ लें

गुरुवार को भी दिल्ली में तेज हवा चल सकती है। कुछ जगहों पर बूंदाबांदी हो सकती है। अगले कुछ दिन तेज हवा का सिलसिला जारी रहेगा। राजधानी में रविवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री तक जा सकता है।

दिल्ली-एनसीआर में अभी और छकाएगा मौसम का मिजाज, धूल भरी आंधी और बारिश कब होगी पढ़ लें
Nishant Nandanलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीThu, 18 May 2023 12:30 PM
ऐप पर पढ़ें

Delhi NCR Weather Report: दिल्ली-एनसीआर में बुधवार की देर रात झमाझम बारिश हुई। दिल्ली के कई इलाकों के अलावा नोएडा और गुरुग्राम में रात के वक्त बारिश के साथ-साथ तेज हवाएं भी चलीं और लोगों को गर्मी से बड़ी राहत मिली। गुरुवार की सुबह भी हवा के तेज झोंके ने दिल्ली और आसपास के लोगों का स्वागत किया। गुरुवार की सुबह से ही तेज हवाएं चल रही हैं और मौसम सुहाना बना हुआ है। आज भी बूंदाबांदी की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को भी दिल्ली में तेज हवा चलेगी। कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी हो सकती है। सुबह के वक्त आसमान में बादल भी नजर आए हैं तो बेहतर होगा कि घर से निकलने से पहले आप छतरी भी तैयार रखें। दिल्ली में न्यूनतम तपमान 21.9 डिग्री सेल्सियस रह सकता है वही अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। धूल भरी आंधी या तेज हवाएं दिन में चल सकती हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक सुबह 9 बजे दिल्ली का ओवरऑल एक्यूआई 180 रहा जो मध्यम श्रेणी में आता है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगले कुछ दिन तेज हवा का सिलसिला जारी रहेगा। हालांकि, इसके बाद फिर मौसम करवट ले सकता है। 

राजधानी में रविवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री तक जा सकता है। उसके बाद फिर सोमवार और मंगलवार को भी बूंदाबांदी की संभावना है। इसी के साथ देश के कुछ अन्य हिस्सों की बात कर लें तो अनुमान जताया गया है कि मध्य प्रदेश और विदर्भ के कुछ इलाकों में मौसम सुहाना बना रह सकता है। ओडिशा में अगले पांच दिनों तक लू की स्थिति का सामना लोगों को करना पड़ सकता है। वहीं अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में 18 और 19 मई को बारिश होने की भी संभावना है। दिल्ली में 50-70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है।

एनसीार के लोनी देहात, हिंडन एएफ स्टेशन, गाजियाबाद, इंदिरापुरम, चारपूला, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, समेत कुछ इलाकों में तेज हवाएं चल सकती हैं और धूल भरी आंधी चलने का भी अनुमान है। मौसम विभाग ने बारिश होने का अनुमान जताया है और एडवाइजरी जारी की है कि बारिश से संबंधित होने वाली घटनाओं को लेकर लोग सतर्क रहें। मौसम विभाग ने कहा है कि बारिश की वजह से कही-कही जाम लग सकता है और सड़कें गीली रहने की वजह से फिसलन भरी हो सकती हैं। इसकी वजह से रोजमर्रा के काम और व्यापार प्रभावित हो सकते हैं। हवाएं से कुछ झोपड़ियों, कच्चे मकानों और दीवारों को नुकसान पहुंच सकता है।

इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाकों में बुधवार को धूल भरी हवा चलने से तापमान में कमी आई, लेकिन प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई है। सुबह 8.30 बजे सफदरजंग पर दृश्यता 1800 मीटर रहा, जबकि पालम में दृश्यता घटकर 1500 मीटर रह गई। सुबह बादल छाने के कारण गर्मी से राहत रही, लेकिन दोपहर में तेज धूप के चलते हाल-बेहाल हो गया। बुधवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 41.1 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री ज्यादा है। न्यूनतम सामान्य से एक डिग्री कम 25.4 रहा। राजधानी में धूल भरी हवा चलने की वजह से बुधवार को प्रदूषण बेहद खराब श्रेणी में रहा।

प्री मॉनसून गतिविधियां बदलीं, बारिश घटी

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बनने वाले सिस्टम की संख्या में कमी का असर बिहार, यूपी, छतीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ भागों पर भी पड़ा है। यहां भी मानसून से पहले होने वाली बारिश घटी है। बंगाल की खाड़ी में मार्च से मई तक अमूमन तीन से चार सिस्टम बनते हैं, लेकिन 2022 को छोड़ बीते 10 वर्षों में एक बार भी दो से अधिक सिस्टम नहीं बना है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के सिस्टम में गड़बड़ी का असर इस साल भी दिख रहा है। इस बार भी खाड़ी में सिर्फ एक सिस्टम ही बना है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का प्रभाव बढ़ा है। यह अब झारखंड तक पहुंचने लगा है। इस वजह से भी प्री-मानसून की गतिविधियों में बदलाव आया है।

देश में लू का खतरा 30 गुना बढ़ा

जलवायु परिवर्तन ने भारत, बांग्लादेश, लाओस और थाईलैंड में रिकॉर्ड तोड़ उमस भरी ताप लहर (लू) के खतरे को 30 गुना तक बढ़ा दिया है। वर्ल्ड वेदर एट्रीब्यूशन ग्रुप से जुड़े हुए प्रमुख जलवायु वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा किए गए रैपिड एट्रीब्यूशन एनालिसिस में यह बात सामने आई है। इसके चलते गंभीर दुष्प्रभाव भी कई गुना बढ़ने लगे हैं। बुधवार को जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी एशियाई हिस्सों में प्रचंड लू महसूस की गई। इस दौरान लाओस में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस और थाईलैंड में 45 डिग्री सेल्सियस के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया।

दुनिया में जलवायु परिवर्तन की वजह से हीटवेव की घटनाएं आम हो गई हैं। उनकी अवधि बढ़ गई है और वह ज्यादा गर्म हो गई हैं। एशियाई हीटवेव पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव की मात्रा का आकलन करने को वैज्ञानिकों ने मौसम संबंधी डाटा और कंप्यूटर मॉडल सिमुलेशन का विश्लेषण किया ताकि वर्तमान मौसम और 19वीं सदी के अंत से लेकर ग्लोबल वार्मिंग में 1.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने तक की जलवायु की तुलना की जा सके।

दो क्षेत्रों में अप्रैल के दौरान विश्लेषण किया गया

दो क्षेत्रों में अप्रैल में चार दिन हीट इंडेक्स के अधिकतम तापमान और मूल्य के औसत का विश्लेषण किया गया। इन क्षेत्रों में से एक दक्षिणी-पूर्वी भारत और बांग्लादेश का है और दूसरा थाईलैंड और लाओस है। हीट इंडेक्स ऐसा पैमाना है जिसमें तापमान और नमी को एक साथ जोड़ा जाता है।

वैश्विक तापमान में वृद्धि जारी रहेगी

शोधकर्ताओं ने पाया कि दोनों ही क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन की वजह से नमी भरी लू की आशंका कम से कम 30 गुना ज्यादा हो गई है। तापमान में भी कम से कम 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। जब तक ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं रुकेगा तब तक वैश्विक तापमान में वृद्धि जारी रहेगी।