लाल किला हिंसा : तीस हजारी कोर्ट ने दीप सिद्धू को फिर 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा
26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में आयोजित किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू को तीस हजारी कोर्ट ने एक बार फिर 7 दिन की पुलिस रिमांड में...
26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में आयोजित किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू को तीस हजारी कोर्ट ने एक बार फिर 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है। इससे पहले भी गिरफ्तारी के बाद 9 फरवरी को दीप सिद्धू को कोर्ट में पेश किया था तक भी कोर्ट ने सिद्धू को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा था। ज्ञात हो कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 8 फरवरी की रात को हरियाणा में करनाल बाइपास के पास से दीप सिद्धू को गिरफ्तार किया था।
इस मामले में जांच के लिए शनिवार को दिल्ली पुलिस दीप सिद्धू और एक अन्य आरोपी इकबाल सिंह को लाल किला लेकर गई थी। पुलिस के अनुसार, 26 जनवरी को लाल किले में हुई हिंसा और अराजकता के पीछे मुख्य रूप से सिद्धू का हाथ था।
A Delhi Court remands Deep Sidhu, an accused in 26th January violence, to 7-day Police custody: Delhi Police Sources
— ANI (@ANI) February 16, 2021
बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में जब दंगे हो रहे थे उस समय दीप सिद्धू लाल किले में ही मौजूद था और भड़काऊ भाषण दे रहा था। लेकिन, हिंसा होते ही वो फरार हो गया था। वहीं, हिंसा के बाद से दीप सिद्धू पुलिस की गिरफ्त से फरार था लेकिन वो सोशल मीडिया पर लगातार एक्टिव था।
कौन हैं दीप सिद्धू
दीप सिद्धू पंजाबी फिल्मों के अभिनेता हैं और सामाजिक कार्यकर्ता भी। दीप ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत पंजाबी फिल्म रमता जोगी से की थी, जिसे लेकर कहा जाता है कि इसके निर्माता धर्मेंद्र हैं। दीप सिद्धू का जन्म साल 1984 में पंजाब के मुक्तसर जिले में हुआ है। दीप ने कानून की पढ़ाई की है। वह किंगफिशर मॉडल अवार्ड भी जीत चुके हैं। 17 जनवरी को सिख फॉर जस्टिस से जुड़े केस के सिलसिले में एनआईए ने सिद्धू को तलब भी किया था।
गौरतलब है कि 26 जनवरी को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान अवरोधकों को तोड़ कर राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल हो गये थे और आईटीओ सहित अन्य स्थानों पर उनकी पुलिस कर्मियों से झडपें हुई थीं। कई प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल किला पहुंच गये और ऐतिहासिक स्मारक में प्रवेश कर गये तथा उसकी प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया।